झींगा मछली पालने की बना रहे हैं योजना, पहले खारे पानी का कर लें जुगाड़

झींगा मछली पालने की बना रहे हैं योजना, पहले खारे पानी का कर लें जुगाड़

मंत्रालय की ओर से जारी एक आंकड़े के मुताबिक फ्रोजन झींगा का एक्सपोर्ट 233 फीसद तक बढ़ा है. सीफूड एक्सपोर्ट को और बढ़ावा देने के लिए ही मत्सय और पशुपालन मंत्रालय सागर परिक्रमा फेज थ्री का आयोजन कर रहा है.

Advertisement
झींगा मछली पालने की बना रहे हैं योजना, पहले खारे पानी का कर लें जुगाड़ प्रतीकात्मक फोटो.

देश और विदेश में झींगा मछली का कारोबार बढ़ रहा है. एक्सपोर्टकी बात करें तो बीते आठ साल में भारत ने एक लम्बी छलांग लगाई है. घरेलू बाजार में भी झींगा को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार तमाम तरह की योजनाएं चला रही है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि झींगा का पालन सभी तरह के पानी में हो जाता है. खारा यानि नमक वाला पानी झींगा मछली के लिए अमृत जैसा है. अगर पानी खारा है तो एक एकड़ के तालाब में चार टन तक झींगा का उत्पादन होता है.  

समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीडा) के मुताबिक साल 2022-23 के लिए समुद्री खाद्य निर्यात का लक्ष्य 8,868 मिलियन अमेरिकी डॉलर निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करने के लिए झींगा मछली निर्यात को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. साल 2021-22 में 5829 मिलियन अमेरिकी डॉलर का झींगा एक्सपोर्ट किया गया था. झींगा मछली पालन को और बढ़ाने के लिए खारे पानी की जलीय कृषि के तहत क्षेत्र को बढ़ाने के लिए राज्यवार लक्ष्य तय किए गए हैं. खासतौर पर झींगा पालन को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है.

झींगा के लिए पांच पीपीटी से कम न हो पानी में खारापन

पंजाब फिशरीज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट डायरेक्टर कर्मजीत सिंह ने बताया कि जरूरी नहीं कि सभी तरह की मछली हर तरह के पानी में पल जाए. हर एक मछली की पानी संबंधी अपनी जरूरत है. जैसे अगर झींगा मछली की बात करें तो इसके लिए पानी का खारा होना बहुत जरूरी है. अगर कोई मछली पालक झींगा पालना चाहता है तो सबसे पहले उसे पानी की जांच करानी चाहिए. जांच के दौरान पानी में कम से कम पांच पीपीटी तक खारापन हो. इसके अलावा मैगनिशियम और पौटेशियम भी बहुत जरूरी है. अगर पानी में पौटेशियम नहीं है तो उसे हम पानी में ऊपर से डालकर भी मिला सकते हैं. लेकिन पानी का खारापन तो प्राकृतिक ही होना चाहिए. 

झींगा के अलावा और भी मछली पाली जा सकती हैं 

कर्मजीत सिंह ने बताया कि ऐसा नहीं है कि खारे पानी में सिर्फ झींगा मछली ही पाली जा सकती है. क्यों कि बहुत सारे लोग ऐसा सोचते हैं कि झींगा के लिए पानी खारा होना चाहिए. अगर बाजार में झींगा की डिमांड नहीं है या फिर दाम अच्छे नहीं मिल रहे हैं तो ऐसे में क्या करेंगे. लेकिन यह सोचना गलत है. खारे पानी में सिर्फ झींगा ही नहीं पाली जा सकती है. मछलियों की और भी बहुत सारी ऐसी वैराइटी हैं जो खारे पानी में पाली जाती हैं. इस लिहाज से आप बाजार की डिमांड और रेट के हिसाब से खारे पानी में मछली पालन कर सकते हैं. 

ये भी पढ़ें- गाजीपुर की हरी मिर्च का विदेशों में जलवा, लंदन समेत खाड़ी देशों में बढ़ा एक्सपोर्ट

 ये भी पढ़ें- PMFBY: क‍िसानों ने द‍िया 25 हजार करोड़ रुपये का प्रीम‍ियम, र‍िकॉर्ड 1.30 लाख करोड़ का म‍िला क्लेम

POST A COMMENT