Bakrid: एकमुश्त बोली से ज्यादा अब तौल के हिसाब से बिक रहे बकरीद के बकरे, पढ़ें डिटेल 

Bakrid: एकमुश्त बोली से ज्यादा अब तौल के हिसाब से बिक रहे बकरीद के बकरे, पढ़ें डिटेल 

देशभर में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक बकरीद के मौके पर बकरों की खरीद-फरोख्त होती है. मजेदार बात ये है कि सभी जगह बकरों की खरीद-फरोख्त एक मुश्त कीमत तय कर होती थी. लेकिन, अब ज‍ब खरीदने और बेचने के तरीके में बदलाव आया तो वो भी सब जगह एक साथ अपनाया जा रहा है. अब बकरे तौल से खरीदे और बेचे जा रहे हैं. 

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Bakrid: एकमुश्त बोली से ज्यादा अब तौल के हिसाब से बिक रहे बकरीद के बकरे, पढ़ें डिटेल बकरीद पर कुर्बानी के लिए खास छह तरह की नस्ल के बकरों की डिमांड रहती है.

जून के पहले हफ्ते में बकरीद मनाई जाएगी. कुर्बानी के इस त्यौहार के लिए बकरों की खरीद और बिक्री शुरू हो चुकी है. बाजार और हाट में अलग-अलग नस्ल के बकरे आ रहे हैं. कुर्बानी सिर्फ बकरों की दी जाती है बकरियों की नहीं. बकरों की खरीद-फरोख्त का तरीका अब बदल रहा है. कुछ वक्त पहले तक बकरा एक मुश्त कीमत त‍य होने पर खरीदा और बेचा जाता था. खरीदार अपनी नजरों से बकरे के बवन का अंदाजा लगाकर कीमत बोल देते थे. अगर बेचने वाले को कीमत ठीक लगी तो थोड़े से मोलभाल के बाद बकरा बिक जाता था. 

लेकिन अब बकरा तौल के हिसाब से खरीदा और बेचा जा रहा है. इस नए तरीके में खरीदने और बेचने वाला दोनों ही राजी हैं. इस तरीके से बकरों की बिक्री शुरू होने से खरीदने-बेचने वाले के बीच मोलभाव को लेकर झिक-झिक भी नहीं होती है. इस नए तरीके से होता ये है कि खरीदार को अपने तय बजट में मनमुताबिक वजन का बकरा मिल जाता है. 

जिंदा बकरे की कीमत 600 रुपये किलो

राजस्थान के बकरा कारोबारी हाजी मोहम्मद इकबाल ने किसान तक को बताया कि अब बकरा बाजार और हाट में बदलाव आ गया है. अब ज्यादातर बकरा खरीदने वाले तौल के हिसाब से ही मोलभाव करते हैं. हालांकि तौल से बकरा खरीदने और बेचने में अब ज्यादा मोलभाव नहीं होता है. ज्यादातर बाजारों और हाट में कुर्बानी के लिए बकरा 600 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है. अगर बकरा कुर्बानी के मानकों पर 100 फीसद खरा नहीं उतर रहा है तो उसके दाम जरूर 40-50 रुपये कम हो जाते हैं. 

15 से 20 हजार रुपये वाले बकरों की खूब होती है बिक्री 

गोट एक्सपर्ट की मानें तो 25 से 30 किलो वजन के बकरे तो लगभग सभी तरह की नस्ल में मिल जाते हैं. लेकिन 50 से 60 किलो वजन तक के बकरे कुछ खास नस्ल में ही देखने को मिलते हैं. बकरों की तीन-चार ऐसी नस्ल हैं जिनके बकरों की बकरीद के दौरान बहुत डिमांड रहती है. ज्यादा वजन के बकरे खरीदने के पीछे एक वजह ये भी है कि कुर्बानी का मीट बांटा जाता है. इसलिए इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि मीट ज्यादा से ज्या‍दा लोगों के बीच में बंट जाए.     

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