Zoonotic Diseases: इंसानों को कोरोना, बर्ड फ्लू से बचाएगा नेशनल वन हेल्थ मिशन, जानें कैसे

Zoonotic Diseases: इंसानों को कोरोना, बर्ड फ्लू से बचाएगा नेशनल वन हेल्थ मिशन, जानें कैसे

Corona पशुपालन, मुर्गी पालन में घाटा पशु-पक्षि‍यों के बीमार पड़ने या बीमारी से मरने पर होता है. लंपी, स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू कुछ ऐसी ही बीमारियां हैं जो डेयरी और पोल्ट्री फार्म पर ताला तक लगवा देती हैं. बर्ड फ्लू फैलने पर हजारों-लाखों मुर्गियां एक साथ दम तोड़ देती हैं. ऐसी ही कुछ बीमारियों पर काबू पाने के लिए नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) शुरू किया गया है. 

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Zoonotic Diseases: इंसानों को कोरोना, बर्ड फ्लू से बचाएगा नेशनल वन हेल्थ मिशन, जानें कैसेसांकेतिक तस्वीर

Corona 10-20 नहीं 70 फीसद बीमारियां ऐसी हैं जो इंसानों में पशुओं से आती हैं या कहीं न कहीं उसके पीछे पशु ही होते हैं. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो इसमे कोरोना, बर्ड फ्लू, इबोला, लंपी, जीका वायरस आदि ऐसी बीमारी हैं जिन्हें बहुत ही खतरनाक माना गया है. इससे जहां इंसानों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है, वहीं पशुओं में भी बीमारी का जोखि‍म बना रहता है. इसी तरह की बीमारियों पर ही काबू पाने के लिए नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) शुरू किया गया है. वन हैल्थ मिशन इंसानों और पशुओं दोनों के लिए ही काम करेगा. 

बीमारियों के इसी जोखि‍म को देखते हुए ही जी-20 महामारी कोष इस पर बड़ी रकम खर्च कर रहा है. हाल ही में भारत को इस कोष से 25 लाख डालर मिले हैं. इस पर काम भी शुरू हो चुका है. वर्ल्ड बैंक और एशियन डवलपमेंट बैंक भी ऐसी बीमारियों से निपटने में भारत की मदद कर रहे हैं. केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (डीएएचडी) देश में NOHM का संचालन कर रहा है. इस मिशन में और भी कई तरह की बीमारियों को शामिल किया गया है. मिशन के तहत इन बीमारियों पर कंट्रोल पाने के लिए तीन लेवल पर काम किया जाएगा.

इंसानों-पशुओं की बीमारियों से ऐसे निपटेगा NOHM 

नेशनल वन हैल्थ मिशन के तहत लंपी-बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों से निपटने के लिए एक प्लान तैयार किया गया है. प्लान के तहत तीन लेवल पर आठ बड़े काम किए जाएंगे. 

  • नेशनल और स्टेट लेवल पर महामारी की जांच को संयुक्त टीम बनेगी. 
  • पशुओं के रोग की निगरानी का सिस्टम तैयार किया जाएगा. 
  • महामारी फैलने पर संयुक्त टीम रेस्पांस करेगी. 
  • मिशन के रेग्यूलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने पर काम होगा. 
  • महामारी फैलने से पहले लोगों को चेतावनी देने के लिए सिस्टम बनाया जाएगा. 
  • नेशनल डिजास्टर मैंनेजमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर महामारी की गंभीरता कम की जाएगी. 
  • प्राथमिक रोगों के टीके और उसका इलाज विकसित करने के लिए तय अनुसंधान होगा. 
  • तय वक्त में बीमारी का पता लगाने, जीनोमिक, पर्यावरण निगरानी फार्मूले तैयार किए जाएंगे. 

इसलिए शुरू किया जा रहा है NOHM 

एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, एवियन इंफ्लूंजा समेत और भी न जानें ऐसी कितनी महामारी हैं जो पशु-पक्षियों से इंसानों में आई हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 17 लाख वायरस जंगल में फैले होते हैं. इसमे से बहुत सारे ऐसे हैं जो जूनोटिक हैं. जूनोटिक वो होते हैं जो पशु-पक्षियों से इंसान में फैलते हैं. जूनोटिक के ही दुनिया में हर साल 100 करोड़ केस सामने आते हैं और इससे 10 लाख की मौत हो जाती हैं. 

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