मध्य प्रदेश में दूध का उत्पादन जरूरत से ज्यादा हो रहा है. कहा जा रहा है कि अधिक उत्पादन के चलते मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी संघ के पास रोज 3 लाख लीटर दूध बच जा रहा है. इसकी बिक्री भी नहीं हो रही है. ऐसे में मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी संघ (एमपीसीडीएफ) बचे हुए तीन लाख लीटर दूध से मक्खन और फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर बना रहा है. लेकिन अब उसके पास मक्खन और दूध पाउडर को रखने के लिए भी स्टॉक में जगह नहीं बची है. इसलिए उसने स्टॉक को खाली करने को लेकर मध्य प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा है. एमपीसीडीएफ ने प्रस्ताव में कहा है कि वह फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर स्कूलों और आंगनवाड़ियों में आपूर्ति करना चाहता है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एमपीसीडीएफ का कहना है कि संघ के पास रोज लगभग 3 लाख लीटर दूध बच जा रहा है, जिसे मक्खन और स्किम्ड मिल्क पाउडर में बदला जाता है. हालांकि मार्केट में उचित कीमत न मिलने के कारण इन उप-उत्पादों की बिक्री भी कम हो रही है. इसके चलते स्टॉक बहुत अधिक हो गया है. एमपीसीडीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि हमने मध्याह्न भोजन योजना और आंगनवाड़ियों में फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर के रूप में दूध उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है. इस व्यवस्था से हमें अधिशेष स्टॉक को खाली करने और स्कूली छात्रों के भोजन में पोषण जोड़ने में मदद मिलेगी.
अधिकारी ने कहा कि स्कूलों को दूध उपलब्ध कराने के लिए एक अच्छी तरह से डिजाइन किए गए बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होगी, जबकि फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर को राज्य के गांवों और दूरदराज के इलाकों में आसानी से ले जाया जा सकता है. अधिकारी ने कहा कि हमारे पास अतिरिक्त दूध है जिसे उपोत्पादों में बदल दिया जाता है. कई बार बाजार में बहुत कम कीमतों के कारण स्टॉक को खाली करना मुश्किल हो जाता है. इसलिए स्कूलों को आपूर्ति करना दोनों के लिए फायदेमंद होगा.
लगभग 17 भारतीय राज्य मध्याह्न भोजन में दूध या अंडा उपलब्ध करा रहे हैं. एमपीसीडीएफ राज्य में किसान सहकारी समितियों से प्रतिदिन लगभग 10.5 लाख लीटर दूध खरीदता है. कुल एकत्रित दूध में से, 7 लाख लीटर प्रतिदिन पैकेज्ड दूध के माध्यम से बेचा जाता है. एमपीसीडीएफ ने घाटे में चल रहे जबलपुर और ग्वालियर दुग्ध संघों के पुनरुद्धार और संयंत्रों के उन्नयन के लिए राज्य सरकार से धन की मांग की है. महासंघ के राज्य में भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर और बुंदेलखंड में 6 दुग्ध संघ हैं. इनमें से जबलपुर और ग्वालियर दुग्ध संघ मौद्रिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि हमने जबलपुर और ग्वालियर दुग्ध संघों को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार से मौद्रिक सहायता मांगी है. वे नकदी और परिचालन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनका समाधान करने की आवश्यकता है. अधिकारी ने कहा कि हमने सरकार को संयंत्रों के पुनरुद्धार और उन्नयन के माध्यम से सहकारी समितियों और दूध संघों को मजबूत करने की आवश्यकता का भी प्रस्ताव दिया है.
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