Animal Care: केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय बोला, दूध को कपड़े से जरूर छानें, जानें क्यों
एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो हाथ से दूध निकालने के दौरान बहुत ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. क्योंकि हाथ से दूध निकालने के दौरान बरती गई छोटी सी लापरवाही भी पशु के साथ ही दूध पीने वाले को भी बीमार कर सकती है.
5-10 गाय-भैंस वाले डेयरी फार्म में आज भी दूध निकालने का तरीका वही पुराना है. एक-दो लोग मिलकर हाथ से ही गाय-भैंस का दूध दुहाते हैं. जबकि इस तरीके से दूध निकालने पर उसके दूषित होने के चांस ज्यादा रहते हैं. वहीं इसके मुकाबले मशीन से दूध निकालने पर दूषित होने के चांस कम हो जाते हैं. लेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि दूध दूषित होगा ही नहीं. इसी के चलते केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर एक एडवाइजरी जारी की है. बाजार में दूध बेचने से पहले ऐसा करना जरूरी बताया है.
मंत्रालय ने सलाह देते हुए कहा है कि पशु का दूध निकालने के बाद उसे कपड़े से जरूर छान लें. ऐसा करने से दूध में आने वाले पशु के बाल, मिट्टी और दूसरे कण कपड़े में ही रह जाते हैं. इतना ही नहीं दूध निकालने के फौरन बाद ही दूध के बर्तन को पशु के शेड से दूर ले जाकर रख दें. दूध की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी है.
गाय-भैंस का दूध निकालने से पहले जरूर करें ये काम
हर रोज पशु के खुरों की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए.
पशु के शरीर से धूल, मिट्टी, गोबर और टूटे हुए बालों को झाड़ दें.
शरीर की धूल, मिट्टी, गोबर और टूटे हुए बाल दूध को संक्रमित कर सकते हैं.
दूध निकालने से पहले और बाद में थनों को कीटाणु रोधी दवाई के घोल से धोएं.
दूध निकालते वक्त अपने हाथों को सूखा रखें. गीले हों तो कपड़े से साफ कर लें.
पशु का दूध अंगूठा बाहर करके बंद मुट्ठी से ही निकालें.
पशु की ल्योटी के पास बढ़े हुए बालों को काट देना चाहिए.
दूध निकालने से पहले ल्योटि-थनों को साफ कपड़े से पोछना चाहिए.
छह-सात मिनट में पशु का सारा दूध निकाल लें.
दूध के बर्तन को साफ और गर्म पानी से धोयें.
पशुओं को धूल-मिट्टी लगा चारा न दें.
दूध के लिए छोटे मुंह के बर्तन का ही इस्तेमाल करें.
दूध निकालते वक्त किसी भी तरह से पशु को छेड़ें और डराएं नहीं.