लातूर जिले में एक बार फिर से लंपी वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. जिले में इस साल के मार्च महीने से अब तक 1236 नए मवेशियों को लंपी वायरस का संक्रमण हुआ है, जिनमें से 145 बीमार मवेशियों की मौत हो चुकी है, बाकी इलाज के बाद ठीक हो गए हैं. पिछले साल भी महाराष्ट्र के मवेशियों में लंपी रोग का संक्रमण देखने को मिला था जिससे 10 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हुई थी जिसके बाद इस पर नियंत्रण लाने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर मवेशियों का टीकाकरण अभियान चलाया था, लेकिन अब फिर से मवेशियों में लंपी रोग के लक्षण दिखने के कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है.
लातूर जिले के शिरूर अनंतपाल तहसील में लंपी वायरस का सबसे ज्यादा संक्रमण देखने को मिल रहा है. शिरूर अनंतपाल पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सा अधिकारी डी.एम. गोल्हेर इन्ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल की सितंबर महीने से यहां पर 702 मवेशी लंपी रोग की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 64 पशुओं की मौत अब तक हुई है. इसके साथ ही इलाज के बाद 537 पशु इस बीमारी से ठीक हुए हैं, तो अभी 101 बीमार मवेशियों का शिरूर अनंतपाल चिकित्सालय में इलाज चल रहा है.
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पिछले साल आई लंपी वायरस की पहली लहर के दौरान प्रशासन की ओर से लातूर जिले के सभी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान चलाया गया था, लेकिन फिर भी इस साल के मार्च महीने के बाद ज़िले में कुछ जगहों पर फिर से इसका संक्रमण शुरू हो गया है जिन जानवरों को पहले टीका लगाया गया था उनमें ज्यादातर संक्रमण नहीं दिख रहा है, लेकिन जिन पशुओं का टीकाकरण नहीं किया गया. वही लंपी बीमारी की वजह से अब मर रहे हैं जिनमें ज्यादातर नवजात बछड़ों की मृत्यु का दर सबसे अधिक है.
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शिरूर अनंतपाल के किसान वीरभद्र भातंब्रे ने भी टीकाकरण के बारे में बताते हुए कहा कि मेरे पास 12 मवेशी हैं. 6 महीने पहले, पहली लहर के दौरान 8 मवेशियों का टीकाकरण करवाया था, लेकिन अब बचे हुए 4 मवेशी लंपी वायरस से संक्रमित हुए हैं. इसलिए अब इस वायरस को रोकने के लिए प्रशासन ने जिले में एक बार फिर से टीका लगाने का निर्णय लिया है. (अनिकेत जाधव की रिपोर्ट)
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