
हरियाणा में पशुपालन को जहां प्रदेश सरकार अधिक से अधिक बढ़ावा दे रही है. वहीं, पशुपालक भी अच्छी नस्लों के पशुओं से अधिक से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. आज हम आपको ऐसे ही करनाल के पशुपालक सुल्तान सिंह से मिलवाते हैं, जिनकी एचएफ नस्ल की गाय से वह प्रतिदिन 60 लीटर दूध प्राप्त करते हैं, जो राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में चल रहे डेयरी मेले में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल में डेयरी किसान मेला चल रहा है. इस मेले में करनाल के ऐबली गांव के रहने वाले पशुपालक सुल्तान सिंह की एचएफ नस्ल की गाय आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. पशुपालक सुल्तान सिंह ने बताया कि ये उनके घर की पाली हुई बछिया है, जो रोजाना 60 लीटर दूध देती है. दो बार की ब्याही इस गाय को उन्होंने घर पर ही तैयार किया है. उन्होंने कहा अधिक दूध उत्पादन से उनकी अच्छी इनकम होती है. उन्होंने कहा कि उनकी गाय स्टेट चैंपियन का खिताब पा चुकी है और एनडीआरआई डेयरी मेले में प्रथम स्थान मिला है.
पशुपालक सुल्तान सिंह ने बताया उन्होंने गांव में उनके पास 10 पशु हैं. वह 35 सालों से पशुपालन कर रहे हैं. पशुओं से काफी अच्छा मुनाफा होता है. खेती के साथ साथ पशुपालन काफी फायदेमंद है. उन्होंने कहा सभी पशुपालकों को अच्छे नस्ल के पशु पालने चाहिए. किसान परिवार के लिए पशुपालन करना कमाई का बहुत अच्छा साधन है. उन्होंने कहा मैं खुद और मेरा बेटा दोनों ही अपने पशुओं की देखरेख करते हैं. ऐसे मेलों से पशुओं की अच्छी नस्लों के बारे में जानकारी मिलती है. उनके पास भी कई पशुपालक पशुओं की अच्छी नस्लों के बारे में जानकारी लेने पहुंचते हैं.
राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉक्टर धीर सिंह ने बताया कि पशुपालन और डेयरी एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े कार्य हैं. उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर आज 5 से 6 परसेंट की गति से बढ़ रहा है. इसका मतलब है देश में डेयरी सेक्टर की जरूरत है और इसकी ग्रोथ भी ज्यादा है और इसीलिए लोगों का रूझान है इस ओर बढ़ रहा है. लोगों को अच्छे पशुओं से काफी फायदा मिल रहा है. उन्होंने कहा किसान अपने प्रोडक्शन में वैज्ञानिक तरीके अपनाएं, ताकि अच्छी क्वालिटी मिल सके.
निदेशक डॉक्टर धीर सिंह ने बताया कि पशुपालक किसान मेलों में हिस्सा लें और वैज्ञानिक पद्धति अपनाएं, ताकि उनकी आजीविक बेहतर होने के साथ कमाई बढ़ सके. आज के समय में 60 से 70 रुपए किलो दूध बिक रहा है. उन्होंने कहा पिछली बार मेले में एक दिन में 72 लीटर दूध देने वाली क्रॉस ब्रीड गाय भी आई थी.
उन्होंने आगे कहा कि हमारे संस्थान में भी साहीवाल नस्ल की 24 लीटर प्रतिदिन दूध देने वाली गाय मौजूद है. उन्होंने कहा कि मेले में आए पशुओं की दूध क्षमता का कल रिजल्ट आएगा उसके बाद पता चल पाएगा किस पशुपालक की गाय या भैंस कितने लीटर दूध देती है. उसके बाद कल विजेता पशुपालकों को पुरस्कार भी दिया जाएगा.
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