Animal Care: गर्मियों में पशुओं को बीमारी से बचाना है तो अपनाएं NOHM के ये टिप्स 

Animal Care: गर्मियों में पशुओं को बीमारी से बचाना है तो अपनाएं NOHM के ये टिप्स 

पशुओं को तमाम तरह की बीमारियों से बचाने के लिए नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) चलाया जा रहा है. मिशन के तहत जहां बायो सिक्योरिटी का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है, वहीं पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए साइंटीफिक तरीके से पशु पालन करने की सलाह भी दी जाती है. 

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Animal Care: गर्मियों में पशुओं को बीमारी से बचाना है तो अपनाएं NOHM के ये टिप्स (प्रतीकात्मक तस्वीर)

बहुत सारी ऐसी बीमारियां हैं जो गर्मी के मौसम में पशुओं पर अटैक करती हैं. परेशान करने वाली बात ये भी है कि गर्मी के साथ मौसम में नमी होते ही लंपी बीमारी का डर भी बना रहता है. एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो मौसम में नमी होते ही मच्छर-मक्खी पनपने लगते हैं. और लंपी बीमारी मच्छर-मक्खी से ही फैलती है. इसलिए ये बहुत जरूरी है कि गर्मी के मौसम में पशुओं को तमाम तरह की बीमारियों से बचाया जाए. अगर इस दौरान पशुओं के रखरखाव में ऐहतियात नहीं बरती गई तो जूनोटिक डिजीज फैलने का खतरा भी बना रहता है. 

जूनोटिक डिजीज का असर इंसान और पशु दोनों पर ही होता है. ऐसे ही कुछ खतरों को टालने के लिए पशुपालन मंत्रालय की ओर से नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) चलाया जा रहा है. जूनोटिक डिजीज के खतरे को देखते हुए ही NOHM से पशुओं और इंसानों को जोड़ा गया है. एक्सपर्ट का कहना है कि NOHM की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करके गर्मियों के दौरान पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सकता है.  

पशुपालकों के लिए जारी किए गए हैं ये टिप्स  

पशुपालन मंत्रालय के मुताबिक वन हैल्थ मिशन के तहत एनीमल फार्म पर बॉयो सिक्योरिटी बहुत जरूरी है. कोरोना और लंपी जैसी बीमारी फैलने के बाद से तो इसकी जरूरत और ज्यादा महसूस की जाने लगी है.  
सबसे पहले अपने एनीमल फार्म की बाड़बंदी कराएं. 

  • बाड़बंदी होने से सड़क पर घूमने वाला जानवर फार्म में नहीं घुसेगा. 
  • फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव कराएं. 
  • हैंड सेनेटाइज में काम आने वाली दवा फार्म पर रखें.
  • फार्म में बाहर से आने वाले व्यक्ति के जूते बाहर ही उतरवाएं.
  • जूते फार्म के बाहर उतरवा नहीं सकते तो उन्हें सेनेटाइज करें. 
  • आने वाले के हाथ और कपड़ों को भी सेनेटाइज करवाएं. 
  • पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं. 
  • फार्म पर नए आने वाले पशु को कम से कम 15 दिन अलग रखें. 
  • छोटे बच्चे, बीमार, गर्भवती, हेल्दी और दूध देने वाले पशुओं को अलग रखें. 
  • बदलते मौसम के हिसाब से बाड़े में पशुओं का रखरखाव रखें. 
  • बरसात के मौसम में पशुओं को खासतौर पर मच्छर-मक्खियों के प्रकोप से बचाएं.

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