Animal Care: गाय-भैंस के चारे से ही नहीं खि‍लाने के सही तरीके से भी बढ़ता है दूध उत्पादन 

Animal Care: गाय-भैंस के चारे से ही नहीं खि‍लाने के सही तरीके से भी बढ़ता है दूध उत्पादन 

गाय-भैंस ही नहीं हर एक पालतू पशु का शेड ऐसा होना चाहिए जहां शेड के अंदर घूमने-फिरने के दौरान परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. और सबसे खास ये कि उसकी खाने की नांद का डिजाइन इस तरह से रखा गया हो कि उसे खाने के लिए ना तो बहुत नीचे गर्दन झुकानी पड़े और ना ही ज्यादा सीधे खड़े होकर खाने की कोशिश करनी पड़े. 

Advertisement
Animal Care: गाय-भैंस के चारे से ही नहीं खि‍लाने के सही तरीके से भी बढ़ता है दूध उत्पादन A total of 31 MLAs have written a letter to Rajasthan Chief Minister Bhajanlal Sharma, demanding the status of Rajmata to cows in the state. (File photo)

अक्सर ये कहा जाता है कि गाय-भैंस का जैसा खानपान होगा तो वैसा ही वो दूध देगी. मतलब दूध उत्पादन चारे पर निर्भर करता है. काफी हद तक ये बात सही भी है. लेकिन एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो चारे के साथ-साथ चारा खि‍लाने का सही तरीका भी दूध उत्पादन बढ़ाने में बहुत मददगार होता है. पशु चारा कैसी जगह पर खा रहा है, पशु को चारा किसमे खि‍लाया जा रहा है ये सब बातें भी बहुत ही महत्व रखती हैं. इसमे पशुओं का शेड और उसकी खाने की नांद का डिजाइन भी शामिल है. 

इसीलिए एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि शेड बनवाते वक्त मानकों का पालन करना चाहिए. क्योंकि पशु रहने की जगह और खाने की जगह दोनों से अगर खुश है तो उसका उत्पादन बढ़ना तय है. क्योंकि दूध दोहने के दौरान भी पशु को जरा सी परेशानी हो रही है तो उसका उत्पादन गिरना तय है.   

ये भी पढ़ें- Goat Farming: बकरी पालन से पहले क्यों जरूरी है ट्रेनिंग लेना, पढ़ें एक्सपर्ट क्या बोले इस बारे में

इस तरह का होना चाहिए पशुओं की नांद-शेड का डिजाइन 

  • शेड तीन तरफ पांच फीट ऊंची दीवार से घिरा होना चाहिए.
  • शेड में नांद की जगह पर दीवार नहीं होनी चाहिए. 
  • पशुओं की नांद हमेशा उत्तर दिशा में बनानी चाहिए. 
  • नांद का डिजाइन ऐसा हो जिसमे चारा आसानी से डाल सके. 
  • भैंस के लिए नांद की जमीन से ऊंचाई 50 सेमी होनी चाहिए. 
  • शेड में बछड़ों के लिए नांद की ऊंचाई 20-25 सेमी होनी चाहिए.
  • भैंस-बछड़ों के लिए नांद की गहराई 40 और 20 सेमी होनी चाहिए.
  • नांद के पास पांच फीट चौड़ा, हल्का सा खुरदुरा फर्श होना चाहिए.
  • नांद के पास का फर्श आसानी से साफ होने और ढलान वाला होना चाहिए.
  • शेड के कवर्ड एरिया का फर्श शेड की खुली जमीन से थोड़ा ऊपर होना चाहिए.
  • शेड के ओपन एरिया में पीने के पानी के लिए एक टंकी बनाई जानी चाहिए. 
  • शेड में एक भैंस के लिए कवर्ड एरिया 30-40 और ओपन एरिया 800-1000 वर्ग फुट होना चाहिए.
  • शेड में बछड़ों के लिए कवर्ड एरिया 20-25 और ओपन एरिया 50-60 वर्ग फुट होना चाहिए.
  • चारे के लिए भैंस की नांद की जगह के पास कवर्ड एरिया में ढाई से तीन फीट की जगह होनी चाहिए. 
  • चारे के लिए नांद की जगह के पास बछड़े के लिए कवर्ड एरिया में डेढ़ फीट की जगह होनी चाहिए. 
  • शेड की छत पाइप और एंगल आयरन पर एस्बेस्टस शीट के साथ थोड़ी ढलान वाली बनानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- Goat Farming: 100 से लेकर 500 भेड़-बकरी पालने तक पर कितनी मदद दे रही सरकार, पढ़ें‍ डिटेल

 

POST A COMMENT