Indian dairy: सहकारी समिति के डेयरी प्रोडक्ट को ब्रांड बनाएंगे तो एक्सपोर्ट मार्केट में बनेगी पहचान

Indian dairy: सहकारी समिति के डेयरी प्रोडक्ट को ब्रांड बनाएंगे तो एक्सपोर्ट मार्केट में बनेगी पहचान

सहकारिता मंत्रालय का कहना है कि सहकारी समिति के डेयरी प्रोडक्ट को ब्रांड के साथ जोड़ने से पशुपालकों की आय तो बढ़ेगी, लेकिन इसके लिए ये भी जरूरी है कि भारत को क्वालिटी वाले दूध और दूध उत्पाद एक्सपोर्ट के माध्यम से "विश्व की डेयरी" बनाया जाए. 

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Indian dairy: सहकारी समिति के डेयरी प्रोडक्ट को ब्रांड बनाएंगे तो एक्सपोर्ट मार्केट में बनेगी पहचानराजकुमारी अब पशुओं की संख्या बढ़ाने की तैयारी में हैं.

सहकारी समितियों के की मदद से केन्द्र सरकार लगातार पशुपालकों की इनकम को डबल करने की कोशि‍श कर रही है. इसके लिए समितियों की मदद से कई तरह की योजनाएं पशुपालकों के लिए लाई जा रही हैं. पशुओं की नस्ल सुधार योजना इसमे सबसे अहम है. वहीं सरकार का ये भी कहना है कि आज पशुपालकों की इनकम को डबल करने के लिए ये भी जरूरी है कि हमे सहकारी समितियों के उत्पादन को ब्रांड से जोड़ने की जरूरत है. क्योंकि जब तक प्रोडक्ट ब्रांड से नहीं जोड़ेंगे तब तक उसे पहचान नहीं मिलेगी. 

ब्रांड से जुड़ने के बाद विश्व बाजार में उसकी सही कीमत मिल सकेगी. इस मामले में हमारे सामने सबसे बड़ा उदाहरण नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) है. आज एनडीडीबी के प्लान की बदौलत ही पड़ोसी देशों और अफ्रीकी देशों में इंडियन डेयरी को मजबूत करने का काम किया गया है. 

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सहकारी समिति के प्रोडक्ट को ब्रांड बनाने के लिए करने होंगे ये काम 

इंडियन डेयरी सेक्टर की बहु-वस्तु (मल्टी-कमोडिटी) और सहकारी समितियां एक-दूसरे की पूरक हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि सहकारी समितियों के उत्पादन के निर्यात के लिए एक ब्रांड होना चाहिए. इतना ही नहीं जैविक उत्पाद को बढ़ावा देना चाहिए, सहकारी समितियों के बीच सहयोग से मिल्क प्रोसेसिंग सुविधाओं का बेहतर इस्तेमाल होना चाहिए, डेयरी मशीनरी के निर्माण में आत्मनिर्भरता लानी होगी. वहीं एनडीडीबी की सहायक कंपनी की मदद से स्वदेशी डेयरी उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए. इसके लिए एनडीडीबी की सहायक कंपनियों को लक्ष्य हासिल करने के लिए अपना खास रोल अदा करना होगा. 

साइंटीफिक तरीके अपनाकर आगे बढ़ रही है एनडीडीबी 

वहीं इस बारे में एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह का कहना है कि एनडीडीबी अपनी नीति किसानों को ध्यान में रखते हुए बनाती है. अपनी सभी योजनाओं में सहकारिता की रणनीति को शामिल किया जाता है. किसानो को पशुपालन में साइंटीफिक तरीके अपनाने के लिए प्रेरित कर एनडीडीबी उन्हें आगे बढ़ाने का काम करती है. एनडीडीबी से जुड़ी दूसरी संस्थाओं ने भी डेयरी सहकारिताओं को मजबूत कर करोड़ो किसानों के लिए इनकम डबल करने के रास्ते खोले हैं. जिन पंचायतों और गांवों में डेयरी उद्योग की क्षमता है वहां डेयरी सहकारी समितियों का गठन करने के लिए एनडीडीबी की ओर से कुछ खास काम किए जा रहे हैं.

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