Tree Fodder बकरे-बकरियों के लिए हरा चारा सबसे अच्छा माना जाता है. गोट एक्सपर्ट की मानें तो हरे चारे से बकरे-बकरियों को कई सारे पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है. इतना ही नहीं गर्मियों में तो हरा चारा पशुओं में पानी की कमी को भी पूरा करता है. लेकिन बरसात का एक ऐसा मौसम है जब बकरे-बकरियों को सीधे हरा चारा खिलाने से मना किया जाता है. क्योंकि बरसात के दिनों में हरे चारे में नमी की मात्रा बढ़ जाती है. और अगर ऐसे में बकरियों को हरा चारा खिलाया जाता है तो उन्हें कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है.
खासतौर से पेट संबंधी अफरा की परेशानी. इसे कब्ज भी कहा जाता है. जुलाई से मॉनसून शुरू हो जाएगा. बरसात में तो और भी बहुत सी बीमारियां बकरे-बकरियों पर अटैक करती हैं. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सभी तरह का हरा चारा बकरियों के लिए परेशानी खड़ी करता है. एनिमल एक्सपर्ट के मुताबिक बरसात के दिनों में बकरे-बकरियों को कुछ खास पेड़ की पत्ति यां खिलाई जा सकती हैं. इतना ही नहीं हरा चारा काटने के 10 से 15 दिन तक सुखाने के बाद बकरियों को खिलाया जा सकता है.
चारा एक्सपर्ट डॉ. सतीश वर्मा का कहना है कि बरसात के दौरान भेड़-बकरियों को पेड़ों की पत्तियां खिलाना बहुत फायदेमंद रहता है. क्योंकि फसली हरे चारे के मुकाबले पेड़ों की पत्तिैयों में नमी की मात्रा कम होती है. जबकि फसली चारे में ज्यादा नमी के चलते ही पशु डायरिया जैसी बीमारी के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में भेड़-बकरी पालक अमरुद, नीम और मोरिंगा की पत्तिययां खिला सकते हैं. ये बहुत ही फायदेमंद होती हैं. पेट भरने के साथ ही दवाई का काम भी करती हैं. इसमे टेनिन कांटेंट और प्रोटीन की मात्रा खूब होती है.
अगर बरसात के दौरान वक्त पर हम तीनों पेड़-पौधे की पत्तियां भेड़-बकरियों को खिलाते रहें तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे. बरसात के दौरान दूषित पानी पीने से भेड़-बकरियों के पेट में कीड़े होना आम बात है. ये बीमारी भेड़-बकरियों की ग्रोथ पर असर डालती है. अगर पेट में कीड़े हैं तो फिर आप भेड़-बकरियों को कितना भी खिला लो वो उनके शरीर पर कोई असर नहीं डालेगा. जो लोग भेड़-बकरियों को फार्म में पालते हैं और स्टाल फीड कराते हैं उन्हें जरूर नीम संग अमरुद और मोरिंगा भेड़-बकरियों को खिलाना चाहिए.
डॉ. सतीश वर्मा का कहना है कि बकरी जमीन पर पड़े चारे के मुकाबले डाल से तोड़कर खाना ज्यादा पसंद करती हैं. इस तरह से ये चारे को बड़े ही चाव से खाती हैं. डॉ आरिफ का कहना है कि जब बकरी इस तरह से चारे को खाती है तो इससे उसकी ग्रोथ भी तेजी से होती है. अगर नीम, अमरुद और मोरिंगा आसानी से उपलब्ध नहीं हो तो भेड़-बकरियों को गूलर और अरडू आदि पेड़ की पत्तियां भी खिला सकते हैं. मोरिंगा का तो तना भी बकरियां बड़े आराम से खाती हैं.
ये भी पढ़ें- Animal Feed: दुधारू पशु खरीदते वक्त और गाभिन पशु की खुराक में अपनाएं ये टिप्स
ये भी पढ़ें- Milk Production: 2033 तक हर साल भारत को चाहिए होगा इतने करोड़ लीटर दूध, अभी है बहुत पीछे
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today