Milk Price: डेयरी एक्सपर्ट बोले गर्मियों में दूध के दाम बढ़ने की ये हैं तीन बड़ी वजह, पढ़ें डिटेल 

Milk Price: डेयरी एक्सपर्ट बोले गर्मियों में दूध के दाम बढ़ने की ये हैं तीन बड़ी वजह, पढ़ें डिटेल 

हर आम और खास इंसान दूध का खरीदार है. सुबह से रात तक दूध चाय-कॉफी, लस्सी, छाछ, दही, आइसक्रीम और मक्खन की शक्ल में खानपान में शामिल रहता है. यही वजह है कि जब दूध के दाम बढ़ते हैं तो सबका एक ही सवाल होता है कि गर्मियों में ही दूध के दाम क्यों बढ़ते हैं और इसके पीछे क्या वजह है. 

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Milk Price: डेयरी एक्सपर्ट बोले गर्मियों में दूध के दाम बढ़ने की ये हैं तीन बड़ी वजह, पढ़ें डिटेल राजकुमारी अब पशुओं की संख्या बढ़ाने की तैयारी में हैं.

मार्च से गर्मियों की दस्तक शुरू हो जाती है. अप्रैल आते-आते मौसम अपना रंग दिखाने लगता है. तपिश बढ़ने के साथ ही गर्म हवाएं भी चलना शुरू हो जाती हैं. साथ ही यही वो वक्त होता है जब बाजार में दूध के दाम बढ़ना शुरू हो जाते हैं. जैसे महीना खत्म होने से पहले ही मदर डेयरी ने 30 अप्रैल से दूध के दाम बढ़ा दिए. लेकिन अक्सर आम ग्राहकों के दिमाग में ये सवाल आता है कि अप्रैल से लेकर जून के बीच में ही दूध के दाम क्यों बढ़ते हैं. 

ऐसी क्या वजह है कि डेयरी कंपनियां साल के नौ महीने दूध के दाम नहीं बढ़ाती हैं, लेकिन गर्मियां शुरू होते ही बाजार में दूध के दाम बढ़ना शुरू हो जाते हैं. डेयरी और पशुपालन एक्सपर्ट की मानें तो गर्मियों में दूध के दाम बढ़ने के पीछे तीन बड़ी वजह होती हैं. और हर साल उन्हीं तीन वजह से डेयरी कंपनियों को जूझना पड़ता है. 

महंगा चारा और सप्लाई में कमी

डेयरी एक्सपर्ट रविन्द्र सिंह ने किसान तक को बताया कि गर्मियों में अक्सर हरे चारे की कमी हो जाती है. साथ ही कमी होने पर चारे के दाम भी बढ़ जाते हैं. इतना ही नहीं गाय-भैंस की खुराक में हरे चारे का बहुत ही महत्व है. हरे चारे के चलते ही पशुओं में बहुत सारे जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत को पूरा किया जाता है. हरे चारे से ही पशुओं में दूध भी बढ़ता है. हालांकि साइलेज हरे चारे का विकल्प है, लेकिन अभी ये हरे चारे की तरह से सब जगह उपलब्ध नहीं है. 

दो वजह से दूध उत्पादन हो जाता है कम

रविन्द्र सिंह का कहना है कि गर्मियों में जब गर्म हवाएं चलती हैं और पारा चढ़ने लगता है तो पशुओं को परेशानी होने लगती है. खासतौर पर गाय-भैंस बढ़ते हुए तापमान के चलते हीट स्ट्रेस में आ जाते हैं. वहीं पानी की कमी होने के चलते हीट स्ट्रोक का शि‍कार भी होने लगते हैं. ये दो वो बड़ी वजह हैं जिसके चलते पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है. अब ऐसे में होता ये है कि गाय-भैंस अपनी खुराक के हिसाब से चारा तो खाती है, लेकिन दूध कम देती है. जिसकी वजह से दूध की लागत बढ़ जाती है. साथ ही हीट स्ट्रेस और हीट स्ट्रोक के चलते कई बार इलाज भी कराना होता है, तो वो खर्च भी दूध की लागत में शामिल हो जाता है. 

बढ़ जाता है ट्रांसपोर्ट का खर्च 

रविन्द्र सिंह ने बताया कि डेयरी कंपनियों का एक बड़ा हिस्सा दूध कलेक्शन में खर्च होता है. पशुपालक के यहां से मिल्क सेंटर पर आता है, मिल्क सेंटर से चिलर प्लांट पर और चिलर प्लांट से फिर डेयरी कंपनी तक आता है. और आज किसी भी राज्य में डीजल की कीमत 90 रुपये लीटर से कम नहीं है. अभी हाल ही में कुछ दिन पहले डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़े हैं. वहीं खेती में चारा फसल के लिए भी डीजल की खपत होती है. 

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