इस राज्य में फ्री में बांटे जा रहे हैं बिरयानी और चिकन के पकौड़े, जानें क्या है वजह

इस राज्य में फ्री में बांटे जा रहे हैं बिरयानी और चिकन के पकौड़े, जानें क्या है वजह

प्रशासन ने जिले के बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्रों में मुर्गी पालन पर तीन महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. रोकथाम उपायों के तहत, पिपिली, सत्यबाड़ी, देलांग और नीमापारा ब्लॉकों में संक्रमित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गी पालन की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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इस राज्य में फ्री में बांटे जा रहे हैं बिरयानी और चिकन के पकौड़े, जानें क्या है वजहआम लोगों में फ्री में बिरयानी वितरण. (सांकेतिक फोटो)

ओडिशा में बर्ड फ्लू के डर के चलते लोगों ने चिकन खरीदना कम कर दिया है. ऐसे में ओडिशा पोल्ट्री ट्रेडर्स एसोसिएशन लोगों के मन से बर्ड फ्लू का डर निकालने के लिए मुफ्त में बिरयानी बांट रहा है. कहा जा रहा है कि एसोसिएशन ने शुक्रवार को आम लोगों को 3.5 क्विंटल से अधिक बिरयानी, पकौड़े और चिकन के अन्य व्यंजन फ्री में वितरित किए. एसोसिएशन के सचिव ज्योतिकांत महापात्रा ने कहा कि लगभग 1,200 लोग जागरूकता कार्यक्रम में शामिल हुए और हमारे एसोसिएशन द्वारा परोसी गई बिरयानी और चिकन पकौड़े खाए. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना था. महापात्रा ने कहा कि अगर हम सही तरीके से पकाए गए चिकन के खाने का सेवन करते हैं तो कुछ नहीं होता है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्योतिकांत महापात्रा ने कहा कि पुरी के कुछ फार्मों में बर्ड फ्लू के प्रकोप के बाद लोगों में चिकन खरीदने में झिझक ने ओडिशा के पोल्ट्री उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि हालांकि घबराहट और झिझक ज्यादातर गलत सूचनाओं के कारण है, लेकिन इसने पूरे उद्योग को बहुत बड़ा झटका दिया है. एसोसिएशन के अनुसार, पुरी और शहर के बाहरी इलाकों में बर्ड फ्लू फैलने की खबरों के बाद हाल के दिनों में चिकन की खपत में 80 से 90 प्रतिशत की गिरावट आने से पोल्ट्री किसान, व्यापारी, आपूर्तिकर्ता और अन्य हितधारक मुश्किल में हैं. 

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करोड़ों रुपये का हुआ नुकसान

महापात्र ने कहा कि पोल्ट्री उद्योग को पहले ही सैकड़ों करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हो चुका है, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इससे जुड़े 12 लाख से अधिक लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है. उम्मीद है कि उनके जागरूकता अभियान से लोग चिकन खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे. एसोसिएशन के नेताओं ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह आगे और प्रतिबंध लगाकर दहशत न फैलाए. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध लगाने के बजाय, प्रशासन को लोगों और हितधारकों को बर्ड फ्लू की स्थिति में चिकन खाते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इस बारे में बताना चाहिए ताकि पोल्ट्री उद्योग को करोड़ों रुपये का नुकसान होने से बचाया जा सके. वहीं, एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रबोध साहनी ने उद्योग के रिवाइवल के लिए सभी से सहयोग मांगा है.

मुर्गी पालन पर 3 महीने का प्रतिबंध

पुरी प्रशासन ने जिले के बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्रों में मुर्गी पालन पर तीन महीने का प्रतिबंध लगा दिया है. रोकथाम उपायों के तहत, पिपिली, सत्यबाड़ी, देलांग और नीमापारा ब्लॉकों में संक्रमित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गी पालन की अनुमति नहीं दी जाएगी. 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्रों से पोल्ट्री पक्षियों और अंडों को ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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