Poultry Farming: ये 23 उपाय किए तो पोल्ट्री फार्म में कभी नहीं फैलेगा बर्ड फ्लू, पढ़ें डिटेल 

Poultry Farming: ये 23 उपाय किए तो पोल्ट्री फार्म में कभी नहीं फैलेगा बर्ड फ्लू, पढ़ें डिटेल 

ये बात सही है कि पोल्ट्री फार्म में अगर कोई बीमारी आती है तो उसका असर मुर्गियों पर ही दिखाई देता है. लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि फार्म में मुर्गियों के अलावा वहां रखा हर एक सामान और फार्म परिसर तक संक्रामित हो जाता है. जिसके चलते कुछ चीजों को खत्म भी करना पड़ता है. 

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Poultry Farming: ये 23 उपाय किए तो पोल्ट्री फार्म में कभी नहीं फैलेगा बर्ड फ्लू, पढ़ें डिटेल ओडिशा में 10 से ज्यादा मुर्गियों की जांच में एवियन फ्लू का खुलासा हुआ है.

मुर्गी पालन में छोटी-बड़ी कई ऐसी बीमारियां आती हैं जो पोल्ट्री फार्मर को नुकसान पहुंचाती हैं. लेकिन बर्ड फ्लू की बात करें तो इस बीमारी के चलते पोल्ट्री फार्म में मौजूद सभी मुर्गियां एक-एक कर मर जाती हैं या मारनी पड़ती हैं. देखते ही देखते फार्मर को लाखों रुपये का नुकसान हो जाता है. इतना ही नहीं फार्म में बर्ड फ्लू फैलने के चलते वहां काम करने वाले कर्मचारियों में भी बीमारी होने का खतरा बना रहता है. लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो थोड़ा सा अलर्ट रहकर और बहुत ही मामूली खर्च में बर्ड फ्लू जैसी खतरनाक बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है.

क्योंकि कब और किस माध्यम से ये बीमारी फार्म में दाखि‍ल हो जाए कुछ पता नहीं चलता है. अगर फार्म में एक मुर्गी को ये बीमारी हो जाए तो फिर दूसरी मुर्गियों में फैलने से रोकना बड़ा ही मुश्कि ल हो जाता है. हालांकि बर्ड फ्लू का एक टीका भी बन चुका है, लेकिन वो भी अभी कम पॉवर का बना है और दूसरे यानि ज्यादा हाई पॉवर टीके पर काम चल रहा है.

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पोल्ट्री फार्म और उपकरणों की रखनी होगी सफाई 

  • चूजों की हैचरी, अंडा स्टोर रूम, पैकेजिंग रूम, अंडा ट्रॉली और पोल्ट्री से जुड़े सभी उपकरण और परिसर को कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. 
  • जिंदा मुर्गियों, अंडों और पोल्ट्री फीड लाने-ले जाने में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.
  • पोल्ट्री फार्म की संक्रमित दीवारों, फर्श और छतों की धुलाई कर कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.
  • मुर्गी के पिंजरों और धातु से बनी दूसरी चीजों हीट देकर कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. 
  • फार्म में इस्तेमाल होने वाले पानी पीने और फीड के उपकरण को कीटाणुनाशक कैमिकल धोना चाहिए.
  • पानी के टैंक को खाली कर अच्छी तरह से धोकर कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. 
  • फीड टैंक (साइलो) को खाली करके गर्म पानी के प्रेशर धोना चाहिए. 
  • फार्म परिसर और उपकरणों को धोने और कीटाणुरहित करने के बाद दो हफ्ते में फॉगिंग करानी चाहिए. 
  • फार्म में आने वाले कर्मचारियों समेत सभी लोगों के हाथ, पैर साफ करने के लिए रेक्टिफाइड स्पिरिट, सेवलॉन या डेटॉल (1 फीसद) के घोल का इस्तेमाल करना चाहिए. 
  • जूते साफ करने के लिए एंट्री गेट पर रखे फुट मैट पर NaOH 2 फीसद घोल का इस्तेमाल करना चाहिए.  NaOH घोल का इस्तेमाल गमबूट और दूसरी चीजों को साफ करने में भी कर सकते हैं. 
  • सोडियम हाइपोक्लोराइट दो फीसद सक्रिय क्लोरीन घोल का इस्तेमाल उपकरणों के कीटाणुशोधन के लिए.
  • क्वाटरनेरी अमोनियम लवण चार फीसद का घोल दीवारों, फर्श-छत और उपकरण कीटाणुशोधन के लिए. 
  • कैल्शियम हाइड्रोक्साइड तीन फीसद घोल का इस्तेमाल दीवारों और फर्श पर कर सकते हैं. 
  • क्रेसोलिक एसिड 2.2 फीसद घोल का इस्तेमाल फर्श के लिए किया जा सकता है. 
  • सिंथेटिक फिनोल दो फीसद घोल का इस्तेमाल फर्श के लिए किया जा सकता है. 
  • फॉगिंग के लिए फॉर्मेलिन और परमैंगनेट का इस्तेमाल किया जा सकता है. 
  • फार्म में मौजूद बेकार और गैर-कीटाणुशोधन योग्य चीजों को नष्ट किया जाना चाहिए.
  • कूड़ा, खराब अंडे, अंडे के उत्पाद, घास, पोल्ट्री फीड, मुर्गियों के पंख और अंडे की ट्रे को नष्ट करना चाहिए.
  • संक्रमित कूड़े को जमीन में दफना दें या जला दें और वहां पानी जमा ना होने दें. 
  • अंडे और अंडे के उत्पादों को मुर्गियों के शवों के साथ दफनाया या जलाया जा सकता है. 
  • संक्रमित फार्म पर मौजूद पोल्ट्री फीड को जला दिया जाना चाहिए. 
  • संक्रमित पक्षियों और सामान को जलाने-दफनाने में लगे कर्मचारियों के कपड़ों को भी जला देना चाहिए. 

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