Goat Farming: बकरी पालन करने जा रहे हैं तो आपके लिए काम की हैं ये 20 खास बातें

Goat Farming: बकरी पालन करने जा रहे हैं तो आपके लिए काम की हैं ये 20 खास बातें

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा के रिकॉर्ड पर जाएं तो बकरी पालन अब चार-पांच बकरियों का नहीं रह गया है. दूध-मीट की डिमांड के चलते बड़े-बड़े गोट फार्म खुल रहे हैं. आईआईटी से पास आउट और रिटायर्ड आईएएस-आईपीएस भी बकरी पालन कर रहे हैं. 

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Goat Farming: बकरी पालन करने जा रहे हैं तो आपके लिए काम की हैं ये 20 खास बातेंसीआईआरजी में चारा खाते ब्रीडर बकरे. फोटो क्रेडिट-किसान तक

कुछ ऐसे सवाल हैं जो हर उस इंसान के दिमाग में आते हैं जो पशुपालन शुरू करने की सोचता है. बकरी पालन का प्लान कर रहे लोग भी इसी तरह के सवालों से जूझते हैं. जैसे, कितने बकरे-बकरियों से शुरुआत की जाए. बकरी पालन दूध के लिए करें या मीट के लिए. किस नस्ल के पाले जाएं. किस नस्ल की बकरी ज्यादा दूध देती है. वो कौनसी नस्ल का बकरा है जिसकी ग्रोथ अच्छी होती है. ऐसे ही और भी सवाल है जिन्हें जानना जरूरी भी है.

कुछ लोग तो बकरी पालन की ट्रेनिंग को लेकर भी सवाल करते हैं कि ये जरूरी है या नहीं. जबकि आज की तारीख में बकरी पालन की ट्रेनिंग लेने वालों में 60 फीसद से ज्यादा लोग ग्रेजुएट और उच्च शिक्षित होते हैं. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा में हमेशा 250 से 300 लोग वेटिंग लिस्ट में रहते हैं. 

बकरी पालन शुरू करने से पहले जरूर पढ़ें ये टिप्स  

दूध वाली बकरी-

ब्लैक बंगाल- 750 ग्राम तक रोजाना 
एक बार में तीन से चार बच्चे देती है. 
बीटल- तीन से चार लीटर दूध देती है रोजाना. 
बरबरी- एक से 2.5 लीटर दूध रोजाना देती है. 
जखराना, सिरोही, तोतापरी, सोजर और सुरती दो से तीन लीटर दूध रोजाना देती है. 

मीट वाले बकरे- 

वैसे तो हर नस्ल के बकरे का मीट बाजार में बिकता है. 
लेकिन बरबरी और ब्लैक बंगाल के मीट की डिमांड रहती है. 

कैसा हो बकरी आवास-

25 से 30 बकरियों के लिए 20 फीट लम्बे और 20 फीट चौड़े हॉल की जरूरत होती है. 
फर्श कच्चा होना चाहिए, जिससे यूरिन जमीन में चला जाए. 
फर्श की मिट्टी भुर-भुरी मतलब रेत जैसी होनी चाहिए. 
यूरिन और मेंगनी से मीथेन गैस निकलती है. 
मीथेन गैस का असर 1.5 से दो फीट की ऊंचाई तक रहता है. 
इतनी हाइट पर जब बकरी इसे इन्हेल करती है तो बीमार हो जाती है. 
100 बकरी पर एक महीने में एक ट्रॉली मेंगनी निकलती है. 
मेंगनी से भरी एक ट्रॉली एक हजार रुपये की बिकती है. 

बकरी  की खुराक-

हरा चारा- एक से 1.25 किलो तक 
भूसा- एक किलो 
मक्का, बाजारा, दाल की चूनी, सोयाबीन और मूंगफली केक 350 ग्राम.

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