गर्मी ऐसा मौसम है जब पशु सबसे ज्यादा परेशान रहता है. एक तो तेज गर्मी के चलते पशु तनाव में आ जाता है. हरे चारे की कमी होने लगती है. इतना ही नहीं पीने के पानी के चलते भी पशुओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार इन परेशानियों के चलते पशु का दूध उत्पादन तक कम हो जाता है. पशु बीमार हो जाते हैं. बीमारियों पर होने वाले खर्च के चलते उत्पादन की लागत बढ़ जाती है. इसीलिए एनीमल एक्सपर्ट बताते हैं कि गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए साफ और ताजा पानी पीना क्यों जरूरी है.
पानी ना पीने पर किस तरह की परेशानी हो सकती है. पानी की कमी से होने वाली परेशानियों के लक्षण क्या हैं. परेशानी होने पर किस तरह के नुकसान उठाने पड़ते हैं. लेकिन पीने के पानी का ख्याल रखा जाए तो पशु को बीमार होने और उत्पादन कम होने के नुकसान से बचा जा सकता है.
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जब पशुओं में पानी की कमी हो जाती है तो कई तरह के लक्षण से इसे पहचाना जा सकता है. जैसे पशुओं को भूख नहीं लगती है. सुस्ती और कमजोर हो जाना. पेशाव गाढ़ा होना, वजन कम होना, आंखें सूख जाती हैं, चमड़ी सूखी और खुरदरी हो जाती है और पशुओं का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. और सबसे बड़ी पहचान ये है कि जब हम पशु की चमढ़ी को उंगलियों से पकड़कर ऊपर उठाते हैं तो वो थोड़ी देर से अपनी जगह पर वापस आती है.
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