Animal Care: गर्मी शुरू होते ही पशुओं को पानी पिलाने के बारे में रखें इन बातों का खास ख्याल 

Animal Care: गर्मी शुरू होते ही पशुओं को पानी पिलाने के बारे में रखें इन बातों का खास ख्याल 

गर्मी के मौसम में पशुओं के पीने के पानी का बहुत ख्याल रखना चाहिए. हालांकि एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो गर्मियों के दौरान पशुओं की खुराक में हरे चारे की मात्रा भरपूर रखी जाए तो एक किलो हरे चारे से तीन से चार लीटर तक पानी की कमी पूरी हो जाती है. 

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Animal Care: गर्मी शुरू होते ही पशुओं को पानी पिलाने के बारे में रखें इन बातों का खास ख्याल ज्यादा दूध देने वाली भैंसों की नस्ल

गर्मी ऐसा मौसम है जब पशु सबसे ज्यादा परेशान रहता है. एक तो तेज गर्मी के चलते पशु तनाव में आ जाता है. हरे चारे की कमी होने लगती है. इतना ही नहीं पीने के पानी के चलते भी पशुओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार इन परेशानियों के चलते पशु का दूध उत्पादन तक कम हो जाता है. पशु बीमार हो जाते हैं. बीमारियों पर होने वाले खर्च के चलते उत्पादन की लागत बढ़ जाती है. इसीलिए एनीमल एक्सपर्ट बताते हैं कि गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए साफ और ताजा पानी पीना क्यों जरूरी है. 

पानी ना पीने पर किस तरह की परेशानी हो सकती है. पानी की कमी से होने वाली परेशानियों के लक्षण क्या हैं. परेशानी होने पर किस तरह के नुकसान उठाने पड़ते हैं. लेकिन पीने के पानी का ख्याल रखा जाए तो पशु को बीमार होने और उत्पादन कम होने के नुकसान से बचा जा सकता है. 

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गर्मी शुरू होते ऐसे रखें पीने के पानी का ख्याल 

  • पशुओं को बार-बार पानी दिखाते रहें, फिर वो चाहें पीएं या नहीं. 
  • जहां तक मुमकिन हो पशुओं को ताजा और ठंडा पानी ही पिलाएं.
  • पशुओं के शरीर पर दिन में कम से कम तीन बार पानी छिड़कें. 
  • पशुओं को सूखी तूड़ी 30 और हरा चारा 70 फीसद तक खिलाएं. 
  • पशुओं को ताजा तूड़ी खिलाने से पहले उसे भिगो लें. 
  • शाम को भिगोकर रखी गई तूड़ी पशुओं को सुबह ही खिलाएं. 
  • पशु के सामने हमेशा नमक की ढेली रखें, इसे चाटने से प्यास लगती है. 
  • गर्मियों में पशुओं को सुबह-शाम नहलाना बहुत जरूरी है. 
  • जहां पशु बांधे जाते हैं वहां भी पानी का छिड़काव करें. 
  • पशुओं को दोपहर के वक्त छायादार जगह पर बांधना चाहिए. 
  • पानी की कमी होने पर पशु को नमक-चीनी का घोल पिलाएं. 

पशुओं में पानी की कमी की ऐसे करें पहचान

जब पशुओं में पानी की कमी हो जाती है तो कई तरह के लक्षण से इसे पहचाना जा सकता है. जैसे पशुओं को भूख नहीं लगती है. सुस्ती और कमजोर हो जाना. पेशाव गाढ़ा होना, वजन कम होना, आंखें सूख जाती हैं, चमड़ी सूखी और खुरदरी हो जाती है और पशुओं का दूध उत्पादन भी कम हो जाता है. और सबसे बड़ी पहचान ये है कि जब हम पशु की चमढ़ी को उंगलियों से पकड़कर ऊपर उठाते हैं तो वो थोड़ी देर से अपनी जगह पर वापस आती है. 

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