Amul में कोई मिलावट नहीं होती क्योंकि इसका कोई मालिक नहीं, NDDB के कार्यक्रम में बोले शाह

Amul में कोई मिलावट नहीं होती क्योंकि इसका कोई मालिक नहीं, NDDB के कार्यक्रम में बोले शाह

शाह ने कहा कि अमूल में मिलावट क्यों नहीं होती क्योंकि उसका कोई मालिक नहीं है. मालिक होता है तब लोभ होता है कि दूध में मिलावट करेंगे तो मुनाफा होगा. यहां अमूल का मालिक किसान है, इसका दूसरा कोई मालिक नहीं है. इससे पवित्रता के साथ व्यापार चलता है और पवित्रता के साथ मुनाफा भी होता है. इससे अच्छा कोई काम नहीं हो सकता.

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Amul में कोई मिलावट नहीं होती क्योंकि इसका कोई मालिक नहीं, NDDB के कार्यक्रम में बोले शाहसहकारिता मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के हीरक महोत्सव (Diamond Jubilee) को संबोधित किया. गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के आणंत स्थित एनडीडीबी के प्रांगण में लोगों को संबोधित किया. इस दौरान एनडीडीबी,आणंद परिसर में नए कार्यालय भवन, इटोला में मदर डेयरी के फल और सब्जी प्रसंस्करण संयंत्र, नई दिल्ली के नरेला में IDMC Ltd के पॉलीफिल्म प्लांट का शिलान्यास भी किया. 

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा, लाल बहादुर शास्त्री जी ने एनडीडीबी की स्थापना की थी और आज हीरक जयंती है. अमूल देश ही नहीं दुनिया में नंबर 1 ब्रांड बना है. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. एक सहकारी संस्था इतने कोर्पोरेट घरानों के बीच इतनी बड़ी ब्रांड बनी है. शाह ने कहा, देश में एक ओर 75 साल का काम और एक ओर आने वाले 5 साल में हमारी सरकार जो काम करने जा रही है, वह महत्वपूर्ण होगा. सहकारीता सेक्टर में 2 लाख नए पैक्स बनाए जाएंगे. मिल्क रूट्स का विस्तार श्वेत क्रांति 2 में किया जाएगा. 8 करोड़ दूध उत्पादकों को फायदा हो, उस दिशा में हम काम कर रहे हैं. 

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संबोधन के दौरान सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश में डेयरी सहकारिता के जनक त्रिभुवनदास पटेल को याद किया जिनकी आज जयंती है. शाह ने कहा कि त्रिभुवनदास पटेल ने किसानों को उनके उत्थान के लिए एकजुट कर सहकारिता आंदोलन की नींव रखी और जिससे देश के करोड़ों किसानों, खासकर महिलाओं को लाभ मिला. शाह ने कहा कि आज महिला किसानों को जो उपलब्धि मिल रही है, उसका मूल कारण सहकारिता आंदोलन है.

शाह ने की NDDB की तारीफ

शाह ने एनडीडीबी की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले 60 साल में इस संस्था ने देश भर के किसानों का न केवल सशक्तिकरण किया बल्कि उन्हें संगठित किया और उन्हें उनके हक के लिए जागरूक करने का काम किया. शाह ने कहा, जब आप सहकारिता के माध्यम से पशुपालन का काम करते हैं तो इससे केवल किसान ही समृद्ध नहीं होता बल्कि देश के कुपोषित बच्चों के लिए भी काम होता है. अमूल का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि इसने न केवल महिलाओं का सशक्तिकरण किया बल्कि बच्चों को पोषण भी दिया. अमूल ने इससे सशक्त नागरिक बनाने की नींव भी तैयार की.

शाह ने कहा कि अमूल ने देश के विकास को गति दी और कृषि को आत्मनिर्भर बनाने का काम भी किया. इसी दिशा में 70 साल से यह मांग थी कि इस दिशा में काम करने के लिए एक नीति विषयक मंत्रालय हो जिस पर गौर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय बनाने का काम किया. शाह ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि देश का पहला सहकारिता मंत्री बनने का काम मोदी जी ने मुझे दिया है. 

'अमूल के मालिक किसान'

आज एनडीडीबी दुनिया भर का बहुत बड़ा संस्थान बन गया है. इस संस्थान ने ऑपरेशन फ्लड शुरू करना और उसे श्वेत क्रांति में बदलने का काम किया. शाह ने कहा कि अगर एनडीडीबी ने यह काम प्रोफेशनल तरीके से नहीं किया होता तो इसका परिणाम इतना बढ़िया नहीं आता. अमूल की जहां तक बात है तो 35 लाख महिलाएं इस सहकारी संस्था से जुड़ी हैं. देश का सबसे प्रोफेशनल ऑर्गेनाइजेशन अमूल है जिसमें महिलाओं की 100 रुपये की शेयर पूंजी से अमूल आज 60 हजार करोड़ का व्यापार कर रहा है. इसका मॉडल छोटी-छोटी पूंजी से बड़ा व्यापार बनाना और उसका मुनाफा छोटे-छोटे लोगों में बांटकर फायदा देना है.

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शाह ने कहा कि अमूल में मिलावट क्यों नहीं होती क्योंकि उसका कोई मालिक नहीं है. मालिक होता है तब लोभ होता है कि दूध में मिलावट करेंगे तो मुनाफा होगा. यहां अमूल का मालिक किसान है, इसका दूसरा कोई मालिक नहीं है. इससे पवित्रता के साथ व्यापार चलता है और पवित्रता के साथ मुनाफा भी होता है. इससे अच्छा कोई काम नहीं हो सकता.

 

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