Animal Care: इस तरह बाड़े की रखी साफ-सफाई तो पशु नहीं होंगे बीमार, पढ़ें टिप्स 

Animal Care: इस तरह बाड़े की रखी साफ-सफाई तो पशु नहीं होंगे बीमार, पढ़ें टिप्स 

एनीमल एक्सपर्ट के सुझाव अपनाकर लंपी ही नहीं हर तरह की बीमारी से दुधारू पशुओं को बचाया जा सकता है. जरा सी लापरवाही के चलते ही बीमारियां पशुओं को अपनी चपेट में ले लेती हैं. बदलते मौसम के चलते ही बाड़े में बॉयो सिक्योरिटी की जरूरत अहम हो गई है. 

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Animal Care: इस तरह बाड़े की रखी साफ-सफाई तो पशु नहीं होंगे बीमार, पढ़ें टिप्स पशुओं को कब और कैसे दें आहार

जहां एक साथ कई सारे पशु हैं तो वहां बीमारी आना लाजमी है. और अगर ऐसे में एक भी पशु बीमारी की चपेट में आ गया तो फिर उसे फैलते देर नहीं लगती है. एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो बीमारी का इलाज अलग बात है और अगर थोड़ी सी कोशि‍श की जाए तो पशुओं के बाड़े (शेड) में बीमारी को आने से रोका जा सकता है. पशुओं की बीमारी को कंट्रोल करने में बाड़े की साफ-सफाई का अहम रोल है. एक्सपर्ट का कहना है कि अगर सही तरीके से सफाई पर ध्यान दिया जाए तो गायों की गंभीर बीमारी लंपी भी आसपास नहीं फटकेगी. 

यही वजह है कि अगर एक्सपर्ट की टिप्स के मुताबिक बाड़े की हर रोज सफाई की जाए तो पशु बीमारी नहीं पड़ेंगे और उनका दूध उत्पादन भी नहीं घटेगा. खासतौर पर बारिश के दौरान या फिर जहां गंदगी हो वहां पशुओं को होने वाली बीमारी जल्दी अपना असर दिखाती हैं. गंदी जगहों पर ही बीमारी के वायरस तेजी से फैलते हैं. खासतौर पर बाड़े के फर्श को सूखा रखना चाहिए और वहां गंदगी न फैलने दें. मुमकिन हो तो बाड़े में पशुओं के साथ ही वहां रहने वाला स्टाफ बॉयो सिक्योरिटी का पालन करे. 

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गाय-भैंस, भेड़-बकरी सभी के बाड़े में ऐसे रखें साफ-सफाई

  • लंपी बीमारी से पीड़ित पशुओं को हेल्दी पशुओं से अलग रखना चाहिए. 
  • बीमार पशुओं को हेल्दी पशुओं के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए. 
  • बाड़े में मच्छर-मक्खियों को रोकने के लिए उपाय अपनाए जाएं. 
  • मच्छर-मक्खियों पर साइपिमैथिन, डेल्टामैविन, अवमिताज दवा का छिड़काव करें. 
  • बीमारी वाले क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पशुओं का ट्रांसपोर्ट बंद कर देना चाहिए. 
  • जब पशुओं में बीमारी फैली हो तो मेले में नहीं ले जाना चाहिए. 
  • पशुओं के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहन-उपकरण की सफाई करनी चाहिए. 
  • संक्रमित पशुओं की देखभाल में लगे व्यक्तियों को सैनेटाइज करना चाहिए. 
  • पशुओं के बाड़े में बाहरी व्यक्ति और वाहन के प्रवेश पर रोक लगानी चाहिए. 
  • बाड़े में नियमित रूप से चूना पाउडर का छिड़काव करना चाहिए. 
  • पशु आवास में गोबर-मूत्र गंदगी आदि को जमा नहीं होने देना चाहिए. 
  • बीमार पशु के दूध का इस्तेमाल उबालकर करना चाहिए. 
  • रोगी पशु को हरा चारा, दलिया खिलाए जिससे बीमारी से लड़ने को मजबूत हो.

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