Livestock Census: हिसार में बढ़ गई पशुओं की संख्या, हरियाणा से रिपोर्ट में आएगी अच्छी खबर 

Livestock Census: हिसार में बढ़ गई पशुओं की संख्या, हरियाणा से रिपोर्ट में आएगी अच्छी खबर 

देशभर के सभी राज्यों में पशुधन गणना चल रही है. पहली बार मोबाइल ऐप और टैबलेट का इस्तेमाल पशुओं की गिनती में किया जा रहा है. हिसार, हरियाणा में हुई गिनती के मुताबिक पशुओं में बढ़ोतरी हुई है. उम्मीद जताई जा रही है कि हरियाणा से इस बार अच्छी खबर आएगी. 

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Livestock Census: हिसार में बढ़ गई पशुओं की संख्या, हरियाणा से रिपोर्ट में आएगी अच्छी खबर गाय की देसी नस्ल

देशभर में पशुओं की गिनती का काम चालू है. जिला और राज्यवार गिनती चल रही है. हिसार, हरियाणा से अच्छी खबर ये है कि यहां पशुओं की संख्या बढ़ गई है. बीते पांच साल पहले हुए पशुगणना के मुकाबले इस बार पशुओं की आबादी में बड़ा इजाफा हुआ है. एक अंग्रेजी अखबार ट्रिब्यून के मुताबिक हिसार जिले में साल 2019 की पशुगणना के मुकाबले 18 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. पशुगणना से जुड़े जानकारों की मानें तो ये पहला मौका है जब पशुगणना में टैबलेट और ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

पशुधन गणना के ताजा आंकड़ों के अनुसार गायों समेत मवेशियों की आबादी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है, जिसमें करीब 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि भैंसों की आबादी में नौ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. हिसार के 408 वार्डों में पशुधन गणना की गई, जिसमें पशुपालन विभाग की टीमों ने घरों, दुकानों, अस्पतालों, कारखानों, स्कूलों और मंदिरों समेत 4.20 लाख इमारतों का सर्वेक्षण किया.

हिसार में बढ़ गए 1.08 लाख पशु

खबर के मुताबिक हिसार जिले में बीते पांच साल में 1,08,406 पशुओं की बढ़ोतरी हुई है. अगर साल 2019 की बात करें तो जिले में पशुओं की कुल संख्या 5,91,415 थी, जो पांच साल बाद बढ़कर साल 2025 में 6,99,821 हो गई है. पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. सुभाष चंद्र जांगड़ा की मानें तो पशुधन गणना हर एक पशु का पूरा रिकॉर्ड रखने के लिए की जाती है. बीते साल अक्टूबर 2024 में पशुओं की गिनती शुरू की गई थी. जो हिसार में अब पूरी हो चुकी है. जल्द ही गिनती से जुड़े आंकड़े जारी कर दिए जाएंगे. पशुओं की गिनती करने में पूरे पांच महीने लगे हैं. लोगों में अब गायों और भैंसों के अलावा, मुर्गी पालन, सूअर पालन, तथा भेड़ और बकरी पालन में भी किसानों की रुचि बढ़ रही है.

पशुजनगणना के बारे में कुछ और खास बातें 

  • पशुजनगणना पर कुल 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 
  • करीब एक लाख लोग देशभर में पशुजनगणना करेंगे. 
  • 25 अक्टूबर से 25 फरवरी 2025 तक पशुजनगणना होगी. 
  • साल 2025 में ही 21वीं पशुजनगणना के आंकड़े जारी कर दिए जाएंगे. 
  • गाय की 53 नस्लों की गिनती की जाएगी. 
  • भैंस की 20 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • भेड़ की 45 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • बकरी की 39 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • घोड़ों की आठ नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • गधों की तीन नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • सूअर की 14 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • कुत्तों की तीन नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • मुर्गे की 20 नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • बत्तख की तीन नस्लों की गिनती की जाएगी.
  • मेल और फीमेल के आधार पर गिनती होगी. 
  • 10 जुलाई से लेकर नौ अगस्त तक सभी राज्यों को ट्रेनिंग दी गई है. 
  • छुट्टा गाय पहली बार गणना में शामिल होंगी. 
  • स्ट्रीट डॉग को भी पहली बार गणना में शामिल किया गया है. 

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