भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मौसम को लेकर अलर्ट जारी किया है. विशेषतौर पर IMD ने हरियाणा के किसानों के लिए अलर्ट जारी किया है, जिसमें हरियाणा के किसानों को सावधान रहने की जरूरत है. असल में बीते सप्ताह भी बारिश और ओलावृष्टि से फसल खराब हुई है. ऐसे में आने वाले दिनों में बारिश का पूर्वानुमान जारी हुआ है, जिसे देखते हुए IMD ने हरियाणा के किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. आइए जानते हैं कि मौसम में क्या बदलाव होने वाला है और हरियाणा के किसानों के लिए IMD ने क्या एडवाजरी जारी की है.
मौसम विभाग की तरफ से हरियाणा के किसानों को सलाह दी गई है कि आने वाले दिनों में आंधी-बिजली के साथ ओलावृष्टि, तेज हवाएं चलने की संभावनाएं है. इसलिए इस अवधि के दौरान किसी भी फसल की सिंचाई या स्प्रे न करने की सलाह दी गई है. साथ ही एडवाइजरी में कहा गया है कि गेहूं की फसल का दाना पकने के करीब है. इस अवस्था में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे गेहूं की फसल को गिरने से बचाने के लिए सिंचाई ना करें. खेतों से अतिरिक्त पानी को निकालने के लिए उचित चैनल तैयार करें ताकि अगर बारिश का पानी खेतों में लग भी जाए तो वो आसानी से निकल सके.
मौसम विभाग की तरफ से जारी एडवाइजारी में कहा गया है कि जो किसान तिलहनी फसलों की खेती कर रहे हैं, उन्हें मौसम साफ होने तक का इंतज़ार करने की सलाह दी गई है. जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि ऐसे किसान सरसों की कटाई मौसम साफ होने के बाद ही करें. साथ ही नुकसान से बचने के लिए कटी हुई तिलहनी फसलों को सुरक्षित स्थानों पर जमा करने की सलाह भी किसानों को दी गई है.
जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सरसों के पौधों में अगर एफिड्स का प्रकोप 40-50% तक पहुंच जाए, तो 40 ग्राम एक्टारा 25 डब्ल्यूजी या 400 मिली रोगोर 30 ईसी का छिड़काव करने की सलाह उन्हें दी गई है. साथ ही किसानों को 600 मिली डर्सबन/कोरोबन 20EC 80-125 लीटर पानी में प्रति एकड़ मिलकर छिड़काव करने को भी कहा गया है.
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बारिश और बादल छाए रहने की वजह से किसानों को यह सलाह दी जाती है कि वे सिंचाई को तत्कालीन रूप से रोक दें. मौसम साफ होने के बाद वह चाहें तो सिंचाई कर सकते हैं.
मौसम विभाग के मुताबिक नर्सरी में उगाई जाने वाली सब्जी जैसे मिर्च, बैंगन और खीरा को पॉलीथिन/प्लग ट्रे में खेत की स्थितियों के तहत संस्तुत पैकेज पद्धतियों का पालन करते हुए लगाएं. वहीं जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि भिंडी और लोबिया की सीधी बुवाई के लिए तथा खरबूजा, खीरा, करेला, कद्दू, लौकी, आदि की सीधी बुवाई के लिए भी यह सही समय है.