देश में 18 वीं लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है. इसके साथ ही चुनावी पारा भी तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन चुनावी पारे से ज्यादा मौसम का पारा बढ़ने से लोग सुबह सात बजे के बाद से ही घर से बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं. लू के थपेड़ों से बचने के लिए लोग कई तरह के पेय पदार्थ का सहारा ले रहे है. वहीं, मौसम विभाग ने 4 मई तक राज्य के अधिकांश जिलों में लू को लेकर येलो व ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है. राजधानी पटना समेत राज्य के अनेक जिलों में पछुआ हवा के थपेड़ों ने अप्रैल के महीने में जेठ वाली गर्मी का एहसास करा दिया है. 30 अप्रैल को शेखपुरा में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. हालांकि मई में बारिश होने की संभावनाओं के बीच तापमान में गिरावट होने के आसार है.
राजधानी पटना में जहां दोपहर के समय में सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है. वहीं कुछ लोग गर्मी से बचने के लिए गन्ना या सत्तू के शरबत का सहारा ले रहे हैं. राज्य के मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते कुछ दिनों में सभी जिलों का तापमान करीब 40 से 44 डिग्री के आसपास देखने को मिल रहा है. इस बढ़ते तापमान के कारण आगजनी की घटना में इजाफा भी हुआ है. पशुओं के घरों से लेकर गेहूं की फसल में आग लगने की घटनाओं के बारे में जानकारी आए दिन मिल रही है. बक्सर जिले के बनारपुर गांव में पशुओंं के घर में आग लगने से दो से ज्यादा जानवरों की मौत हो गई.
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के वैज्ञानिक आशीष कुमार कहते हैं कि आने वाले दो दिनों के दौरान राजधानी पटना समेत सूबे के अधिकांश जिलों में लू का प्रकोप देखने को मिल सकता है. इस दौरान जरूरी काम पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें. वहीं, दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच निकलने से बचने की जरूरत है. मौसम विभाग ने लू को लेकर राज्य के करीब सभी जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है. इसमें मुख्य रूप से कैमूर, बक्सर, गोपालगंज, वैशाली,शिवहर, सुपौल, सहरसा, औरंगाबाद, खगड़िया, पूर्वी चंपारण, भोजपुर, रोहतास, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, जमुई समेत अनेक जिले शामिल है.
ये भी पढ़ें-Litchi: फ्लाइट और ट्रेन से भेजी जाएगी शाही लीची, सरकार ने किसानों को दी ये बड़ी सुविधाएं
बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भागलपुर के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार किसान तक को बताते है कि पिछले पांच साल के दौरान पहली बार अप्रैल महीने में इतनी गर्मी पड़ रही है. इसकी मुख्य वजहों में से एक वजह अप्रैल में नमी की कमी देखने को मिली. इस महीने में बारिश और आंधी तूफान नहीं आने की वजह से तापमान में कमी नहीं आई. वहीं वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) सक्रिय नहीं रहा. हालांकि मई महीने में तापमान के साथ मौसम में बदलाव होने के आसार दिख रहे हैं. जहां पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के आसार दिख रहे हैं. वहीं पूर्व में बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है. जिससे अच्छी बारिश होने की संभावना है. अगर मई में बारिश होती है तो तापमान में गिरावट आने की उम्मीद है.