Weather News Today: उत्तराखंड में नहीं बचेगा पीने का पानी? मौसम की मार ने बढ़ाई परेशानी

Weather News Today: उत्तराखंड में नहीं बचेगा पीने का पानी? मौसम की मार ने बढ़ाई परेशानी

उत्तराखंड जल संस्थान और जल निगम विभागों ने एक सर्वेक्षण किया है. इस सर्वे में यह बात सामने आई है कि राज्य के 148 शहरों और 317 ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द ही पानी खत्म हो सकता है. गढ़वाल में 84 शहर और 134 ग्रामीण क्षेत्र खतरे में हैं, जबकि कुमाऊं में 64 शहर और 183 ग्रामीण क्षेत्र कमी का सामना कर रहे हैं.

उत्तराखंड में पेयजल की भारी समस्या
क‍िसान तक
  • Dehradun/Srinagar/Kolkata,
  • Apr 30, 2024,
  • Updated May 01, 2024, 10:48 PM IST

जैसे-जैसे गर्मियां आ रही हैं, उत्तराखंड एक गंभीर समस्या का सामना कर रहा है. इस समस्या का नाम है पेयजल की गंभीर कमी. उत्तराखंड जल संस्थान और जल निगम विभागों के एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि राज्य के 148 शहरों और 317 ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द ही पानी खत्म हो सकता है. गढ़वाल में 84 शहर और 134 ग्रामीण क्षेत्र खतरे में हैं, जबकि कुमाऊं में 64 शहर और 183 ग्रामीण क्षेत्र कमी का सामना कर रहे हैं. देहरादून, अल्मोड़ा और नैनीताल में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां पानी की मात्रा तेजी से घट रही है. 

इस संकट से निपटने के लिए उत्तराखंड जल संस्थान एक योजना लेकर आया है. प्रभावित क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए वे अपने खुद के 69 पानी टैंकरों का उपयोग करेंगे और अतिरिक्त 198 टैंकर किराए पर लेंगे. जल संस्थान की मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग का कहना है कि वे स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं और मदद के लिए अन्य जल स्रोतों की तलाश की जा रही है.

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'इंडिया टुडे' से खास बातचीत में प्रमुख पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने कहा था कि भारत में जल संकट मंडरा रहा है और जल्द ही हम संकट के युग में प्रवेश कर रहे हैं. हमें प्राकृतिक जल को संरक्षित करने की आवश्यकता है और इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, सरकार को अभी कार्रवाई करनी होगी. अब इसके संकेत पूरी तरह से दिखने लगे हैं. उत्तराखंड में जहां पेयजल की चुनौती सामने है तो अभी हाल में लोगों ने बेंगलुरु के हालात देखे. वहां पीने के पानी की ऐसी समस्या पहले नहीं देखी गई.

केरल का क्या हाल

एक तरफ जहां गर्मी की वजह से उत्तराखंड में पानी की कमी देखी जा रही है, तो वहीं देश कई अन्य हिस्सों में मौसम की मार देखी जा रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को हीटवेव की संभावना के कारण केरल के पलक्कड़ जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया. केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने कहा कि मौसम एजेंसी ने चिलचिलाती गर्मी और लू के संभावित खतरे के मद्देनजर कोल्लम और त्रिशूर जिलों के कुछ इलाकों में येलो अलर्ट भी जारी किया है.

आईएमडी ने अनुमान जताया है कि 29 अप्रैल से 3 मई तक पलक्कड़ और कोल्लम और त्रिशूर जिलों में तापमान क्रमशः 41 डिग्री सेल्सियस और 40 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना है. केएसडीएमए ने एक बयान में कहा, कोझिकोड जिले में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने की संभावना है. मौसम विभाग मौसम की चेतावनी के लिए चार रंग कोड - हरा (कोई कार्रवाई जरूरी नहीं), येलो (देखें और अपडेट रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई करें) का उपयोग करता है.

बंगाल में लू की मार

IMD ने कहा है कि गंगीय दक्षिण बंगाल को फिलहाल गर्मी से निजात नहीं मिलने वाली है. अगले 5 दिनों तक सभी जिलों में मध्यम गर्मी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. उत्तर में अलीपुरद्वार और कूच बिहार में भी गर्मी की लहर देखी जा रही है, लेकिन फिलहाल कोई हीटवेव नहीं है. हालांकि दिनाजपुर और मालदा जिलों में अगले 5 दिनों तक लू चलेगी. दक्षिण बंगाल में 5 मई से बारिश हो सकती है. इससे लू की मार कम हो जाएगी.

श्रीनगर में बर्फबारी

उधर श्रीनगर के मैदानी इलाकों में बारिश और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी से घाटी में सर्दी वापस आ गई है. लगातार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है, कई स्थानों पर विशेषकर पहाड़ी इलाकों में जमीन धंस गई है, जबकि उत्तरी कश्मीर में कुपवाड़ा और हंदवाड़ा के कई निचले इलाकों में बारिश का पानी भर गया है. इस बीच गुरेज, गुलमर्ग, मुगल रोड के साथ-साथ बारामूला और कुपवाड़ा के कई अन्य इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई है. 

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मौसम विभाग ने अगले 24 से 36 घंटों तक जम्मू-कश्मीर में बारिश जारी रहने की भविष्यवाणी की है. सरकार ने निगरानी के लिए कंट्रोल रूम को एक्टिव कर दिए हैं. झेलम और कश्मीर के अन्य झिलों में पानी का स्तर अब तक बाढ़ के खतरे के निशान से काफी नीचे है. हालांकि अगर मौसम में सुधार नहीं हुआ तो स्थिति तेजी से बदल सकती है.(देहरादून से अंकित शर्मा, कोलकाता से तपन नस्कर और श्रीनगर से मीर फरीद का इनपुट)

 

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