राजस्थान में मॉनसून अब विदाई की ओर बढ़ रहा है. हालांकि इसके बाद भी एक सप्ताह तक बारिश का दौर जारी रह सकता है. मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 25 सितंबर तक मॉनसून विदा हो जाएगा. वहीं, पिछले 24 घंटों में पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की और एक-दो जगह भारी बारिश दर्ज हुई है. वहीं, पश्चिमी राजस्थान कुछ जगहों पर हल्की बारिश हुई है. हालांकि अब होने वाली बरसात से फसलों को सिर्फ नुकसान ही होगा. क्योंकि अधिकतर खरीफ फसलें अब पक चुकी हैं. किसान कहीं इन्हें काट चुके हैं तो कहीं काटने की तैयारी कर रहे हैं.
इसीलिए अब होने वाली बरसात कटी और खड़ी फसल के लिए नुकसानदायक साबित होगी.
मौसम केन्द्र, जयपुर के अनुसार फिलहाल झारखंड व आसपास के क्षेत्र के ऊपर एक सर्कुलेशन सिस्मट बना हुआ है. वहीं, आज मानसून ट्रफ लाइन जैसलमेर से होकर गुजर रही है. इससे जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर व भरतपुर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ बारिश दर्ज होने की संभावना है.
वहीं, 24 सितंबर को उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर संभाग सहित अजमेर, जयपुर, भरतपुर, कोटा व उदयपुर संभाग के कुछ भागों में मेघगर्जन के साथ बारिश होने की पूरी संभावना है. इसके अलावा जोधपुर संभाग के अधिकांश भागों में आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहेगा.
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वहीं, 25 सितंबर के आसपास मॉनसून के राजस्थान से विदा होने के लिए परिस्थितियां बन रही है. हालांकि कुछ दिन पहले के पूर्वानुमान में विभाग ने कहा था कि इस बार मॉनसून कुछ दिन देरी से जाएगा, लेकिन तीन दिन में ही यह पूर्वानुमान बदल गया है. मॉनसून के विदा होने के बाद भी पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में बारिश चालू रह सकती है. इस क्षेत्र में अगले एक सप्ताह तक बारिश होगी.
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लगातार बारिश के कारण कालीसिंध और माही नदियों का जल स्तर बढ़ा है. मध्यप्रदेश के गांधी सागर बांध से पानी छोड़ने के कारण चंबल नदी उफान पर है. इससे कोटा बैराज के 13 गेट खोलने पड़े थे. वहीं, बांसवाड़ा के माही डैम के भी गेट खोले गए हैं. पश्चिमी राजस्थान के तीन जिलों में भारी बरसात का अलर्ट जारी किया गया है. उधर, जवाई बांध के भी छह गेट खोले गए हैं. इसके अलावा कालीसिंध, परवन, आहू नदियों में भी जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है.