महाराष्‍ट्र के अमरावती में अचानक बदला मौसम, तेज हवा के साथ हुई बारिश-ओलावृष्टि

महाराष्‍ट्र के अमरावती में अचानक बदला मौसम, तेज हवा के साथ हुई बारिश-ओलावृष्टि

महराष्‍ट्र के अमरावती में तिवसा तहसील समेत जिले के अन्य भागों में दिनभर तेज धूप और लू चलने के बाद शाम को मौसम में अचानक बदलाव आया. तेज हवाओं के साथ काले बादल छा गए और गरज के साथ जोरदार बारिश शुरू हुई. कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई .

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धनंजय साबले
  • Amravati,
  • May 02, 2025,
  • Updated May 02, 2025, 2:36 PM IST

महाराष्ट्र के अमरावती जिले में पिछले कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप से परेशान लोगों को मौसम ने बड़ी राहत दी. अप्रैल के अंतिम दिनों में तापमान 40 से 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था. लेकिन, मई के पहले दिन मौसम ने अचानक करवट ली और अमरावती जिले के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई, वहीं कई क्षेत्रों में ओले भी गिरे.

शाम को अचानक बदला मौसम

तिवसा तहसील समेत जिले के अन्य भागों में दिनभर तेज धूप और लू चलने के बाद शाम को मौसम में अचानक बदलाव आया. तेज हवाओं के साथ काले बादल छा गए और गरज के साथ जोरदार बारिश शुरू हुई. कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की गई और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली. इस बदलाव ने गर्मी से झुलसते नागरिकों को ठंडी हवा और ठंडक का एहसास कराया.

बारिश से लोगों को मिली राहत

मौसम विभाग के अनुसार, अगले एक-दो दिनों तक इसी तरह का मौसम बना रह सकता है. नमी और हवाओं की गति बढ़ने से तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी. इस अचानक बदले मौसम ने जहां एक ओर लोगों को राहत दी है, वहीं किसानों को ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान की चिंता भी सता रही है. गर्मी से राहत पाने के बाद अमरावती जिले के लोग काफी खुश नजर आए और सड़कों पर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने ठंडी हवाओं और बारिश का आनंद लिया.

महराष्‍ट्र में लू के 70 मामले आए सामने

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 1 मार्च से राज्य में लू लगने (हीटस्ट्रोक) के 70 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें नागपुर जिले से तीन संदिग्ध मौतें हुई हैं. विदर्भ क्षेत्र का यवतमाल जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है, जहां 11 मामले सामने आए हैं, जो राज्य में सबसे अधिक है. महत्वपूर्ण संख्या वाले अन्य जिलों में बुलढाणा (9), नागपुर (8), गढ़चिरौली (5), जालना (5), परभणी (5), धुले (4) और पालघर (3) शामिल हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बढ़ते तापमान और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता जताई है.

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने लोगों से की अपील

बढ़ती गर्मी के कारण थकान, चक्कर आना, गला सूखना, सिरदर्द, पेशाब कम आना और त्वचा का रूखा होना जैसे लक्षण बढ़ गए हैं. बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों सहित कमज़ोर समूहों को विशेष रूप से जोखिम है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से गर्मी से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए निवारक उपाय करने का आग्रह किया है. सिफारिशों में हाइड्रेटेड रहना, सीधे धूप में जाने से बचना और हल्का भोजन करना शामिल है.

ये जिले सबसे ज्‍यादा प्र‍भावित

गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से गर्मी के चरम घंटों के दौरान घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है. विभाग ने एक सलाह में कहा कि गर्मी से संबंधित बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए. सबसे अधिक प्रभावित जिलों के अलावा, पुणे, अमरावती, चौ. संभाजीनगर, चंद्रपुर, धाराशिव, सांगली, ठाणे और वाशिम से हीटस्ट्रोक का एक-एक मामला सामने आया है. कोल्हापुर, लातूर, नासिक, नांदेड़, वर्धा और रायगढ़ में दो-दो मामले सामने आए हैं.

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