अमरूद से 20 लाख रुपये सालाना कमाते हैं उदय पाटिल, खेती में मॉडर्न तकनीक का लिया सहारा

अमरूद से 20 लाख रुपये सालाना कमाते हैं उदय पाटिल, खेती में मॉडर्न तकनीक का लिया सहारा

सांगली जिला अपनी उपजाऊ जमीन और भरपूर पानी के लिए जाना जाता है, जो इसे गन्ना और बागवानी का केंद्र बनाता है. हालांकि, उदय पाटिल ने परंपरा से अलग हटकर काम करने का फैसला किया. 2018 में, उन्होंने अपने 1.5 एकड़ के खेत में वीएनआर थाइलैंड किस्म के अमरूद लगाए और 18 महीने तक बाग की पूरी सावधानी के साथ देखभाल की. ​​उनकी पहली फसल में 15 टन अमरूद मिले, जो एक अच्छी शुरुआत थी.

अमरूद की खेती से बढ़ी कमाई (सांकेतिक तस्वीर)अमरूद की खेती से बढ़ी कमाई (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jan 30, 2025,
  • Updated Jan 30, 2025, 3:26 PM IST

खेती में सफलता की यह कहानी महाराष्ट्र के सांगली की है. सांगली वही इलाका है जहां गन्ने की खेती बहुतायत में होती है. अधिकांश किसान यही मान कर चलते हैं कि गन्ने की खेती है तो सबकुछ है, वरना कुछ नहीं. लेकिन यहां के कासेगांव के किसान उदय पाटिल ने गन्ने से हटकर दूसरा रास्ता अपनाया. पाटिल ने अमरूद की खेती मॉडर्न तकनीक से की उसमें वे पूरी तरह से सफल हुए हैं. परंपरागत खेती से हटकर उन्होंने अमरूद की खेती से सालाना 20 लाख रुपये की कमाई की है. यह कमाई उनकी लगातार जारी है.

PUNE PULSE में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सांगली जिला अपनी उपजाऊ जमीन और भरपूर पानी के लिए जाना जाता है, जो इसे गन्ना और बागवानी का केंद्र बनाता है. हालांकि, उदय पाटिल ने परंपरा से अलग हटकर काम करने का फैसला किया. 2018 में, उन्होंने अपने 1.5 एकड़ के खेत में वीएनआर थाइलैंड किस्म के अमरूद लगाए और 18 महीने तक बाग की पूरी सावधानी के साथ देखभाल की. ​​उनकी पहली फसल में 15 टन अमरूद मिले, जो एक अच्छी शुरुआत थी.

गन्ना छोड़ अमरूद की शुरू की खेती

उदय पाटिल ने अपने को अमरूद की खेती तक ही सीमित नहीं रखा. उन्होंने अपने फलों के पेड़ों के साथ गेंदा के पौधे लगाकर इंटर क्रॉपिंग पद्धति भी अपनाई. इस रणनीति ने न केवल उनकी आय बढ़ाई बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ाई. आज, उनके भरे-पूरे बाग में साल में दो बार अमरूद की फसल होती है, जो औसतन 35 टन सालाना है.

उदय ने बताया कि उनके अमरूदों की बेहतरीन क्वालिटी के कारण वे उन्हें सीधे व्यापारियों को बेच सकते हैं, जिससे बिचौलियों की जरूरत नहीं पड़ती. हर अमरूद का वजन लगभग एक किलो होता है और बाजार में इसकी कीमत 60-65 रुपये प्रति किलो होती है, जिससे उनके खेत से अच्छी-खासी आय होती है.

अच्छी सोच से पाई सफलता

अपनी खास सोच और मॉडर्न तकनीक के जरिये उदय ने अपनी खेती की दिनों दिन बेहतर बनाया है, जिससे अच्छी क्वालिटी वाले अमरूदों की लगातार पैदावार मिल रही है. उनकी सफलता की कहानी खेती में इनोवेशन के महत्व को बताती है, और अन्य किसानों को अलग-अलग फसलों की खेती और उसकी खोज करने के लिए बढ़ावा देती है.

गन्ने की खेती छोड़कर अमरूद की बागवानी ने उदय पाटिल को न सिर्फ आय बढ़ाने में मदद की है बल्कि खेती में उनके जोखिम लेने की क्षमता को भी बढ़ाया है. वे बताते हैं कि खेती में नए प्रयोग और रिस्क लेने की क्षमता हो तो किसान कम समय में अच्छी कमाई कर सकता है. उनकी सफलता बताती है कि मॉडर्न तकनीक से मॉडर्न खेती की जाए तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता.

 

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