Terrace Garden: शहरों में रहने वाले लोग बालकनी या छत पर गार्डनिंग करते हैं. छोटे से लेकर बड़े बड़े गमलों में पौधे लगाते हैं. इसे किचन गार्डनिंग कहा जाता है. आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने 300 से अधिक ऑर्गेनिक सब्जियों को टैरेस गार्डन पर उगाया. इसकी वजह से आज उनकी चर्चा हर जगह हैं और हर कोई बस उस सीक्रेट को ही जानना चाहता है. इंडिया टुडे के डिजिटल प्लेटफॉर्म किसान तक ने आगरा जिले के बलकेश्वर इंद्रा एन्क्लेव की रहने वाली रितु गोयल से खास बातचीत की. रितु ने बताया कि उनको गार्डनिंग का शौक तो बचपन से था, लेकिन साल 2021 में कोरोना काल के दौर में हमने छत पर छोटे-छोटे गमलों में पौधे रोपे थे. धीरे-धीरे गमलों की संख्या बढ़ती गई. आज उन्होंने अपने घर की छत को ही सब्जियों का गार्डन बनाया दिया है. उन्होंने बताया कि अपने छत पर उगाई हुई सब्जियां का इस्तेमाल खाने के लिए करती हैं. इन पौधों की वजह से उनके घर का तापमान भी कम रहता है.
रितु गोयल बताती हैं कि उन्होंने छत में रखे गमलों में बैगन, भिंडी, करेला, हरी मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी, पालक, हरा धनिया, पुदीना, मिर्च आदि सब्जियां उगाई जा रही हैं. साथ ही सब्जियों के अलावा फूल और कई जड़ी बूटी के छोटे पौधे भी लगे हुए हैं. रितु खुद इन पौधों की देखभाल करती हैं. परिवार के दूसरे लोगों का भी सहयोग रहता है. अब उनका घर पूरी तरह से पौधों से भरा हुआ है और देखने में भी हरा-भरा लगता है. घर का तापमान भी इन पौधों की वजह से बेहद कम रहता है.
टैरेस गार्डनिंग करने वाली रितु गोयल ने बताया कि चीकू, अमरूद, चेरी, नारंगी, मौसमी, माल्टा, बेर, नीबू, श्रीवास्तव, आड़ू, आम, जामुन, अनार, ककड़ी, खीरा, बैंगन, टमाटर, भिंडी, करी पत्ता, पालक, पुदीना, करौंदा, हल्दी, दाल चीनी, गर्म मसाला, सौंफ, तुलसी और मरवा तुलसी का पौधा लगाया है.
वहीं फूलों के अपराजिता, हरसिंगार, सदाबहार, गेंदा, चमेली, चंपा, कनेर, रात रानी, पिटूटिया, गुलाब 8 वैरायटी के, गुड़हल, मोगरा, एस्टर, बोगेनवलिया, मधुमालती, गणेश बेल, केना, गुलदावरी समेत इंडोर प्लांट- स्नेक, स्पाइडर, मनीप्लांट, अपराजिता सहित 6 वैरायटी मौजूद है.
रितु गोयल ने बताया कि एक प्लांट्स लवर के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखा है. जिस पर वह पौधों के रखरखाव समेत कई महत्वपूर्ण जानकारियां दूसरे लोगों से साझा करती हैं. इस ग्रुप में मुंबई, जयपुर, लखनऊ, भोपाल, दिल्ली, गुडगांव से लेकर लंदन तक के 170 प्रकृति प्रेमी जुड़े हुए हैं.
बता दें कि रितु गोयल समय -समय पर प्रकृति बचाव व पर्यावरण संतुलन के लिए कार्य करती हैं. वहीं स्कूलों, पार्क व गौशाला में पौधे लगाए जाते है. उन्होंने बताया कि हर माह पौधों का वितरण किया जाता है ताकि अन्य लोग भी अपने आसपास पेड़-पौधे लगाएं. आगरा में जो लोग प्रकृति के लिए कार्य कर रहे हैं, उनका सम्मान भी किया गया है, आगे भी किया जाएगा. रितु ने बताया कि जो लोग पौधे लगाने में कम रूचि रखते हैं, उनको भी प्लांट लवर्स द्वारा मोटीवेट किया जाता है और लोगों को पौधों की जानकारियां भी दी जाती हैं कि किस माह में कौन से पौधे लगाए जाते हैं.