Success Story: असफलता और हार भी हमें बहुत कुछ सीखने का मौका देती है. जब भी हम हारते हैं या निराश होते हैं तब हम धैर्य रखना सीखते हैं. इसी कड़ी में रायबरेली जनपद के शिवगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत लालपुर गांव के रहने वाले दुर्गेश कुमार लोधी की कहानी आज समाज में युवाओं को बहुत बड़ा संदेश दे रही है. दुर्गेश साल 2018 में हाई स्कूल की परीक्षा में फेल हो गए थे. लिहाजा परिवार के लोग और गांव वालों ने ताने देना शुरू कर दिए. लेकिन उन्होंने लोगों के तानों की परवाह न करते हुए कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी वजह से उसकी चर्चा आज पूरे इलाके में होता है. इस युवा ने हाई स्कूल में फेल होने के बाद खेती-किसानी की तरफ रुख किया.
किसान तक से बातचीत में लालपुर गांव निवासी दुर्गेश ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र रायबरेली से जानकारी लेकर अपनी 2.5 बीघा पुश्तैनी जमीन पर कद्दू के साथ मिर्च की खेती शुरू कर दी. वर्तमान समय में वह एक बीघे में कद्दू व एक बीघे से अधिक में हरी मिर्च की खेती कर रहे हैं. जिसमें लगभग 30 से 40 हजार रुपए की लागत आती है तो वहीं लागत के सापेक्ष सीजन में दो लाख रुपये तक आसानी से कमाई हो जाती है. खेत में तैयार फसल को वह रायबरेली और हैदरगढ़ की बाजार में बिक्री के लिए भेजते हैं. जहां हमारी सब्जियां फौरन बिक जाती है.
युवा किसान दुर्गेश लोधी बताते हैं कि कद्दू की खेती के लिए खेत में नालियां बनाकर उन पर बीज की रोपाई की कर दे. उसके बाद उसमें समय-समय पर सिंचाई करें. बीज की रोपाई करने पर ध्यान रहे की पौधे से पौधे के बीच की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए. साथ ही हरी मिर्च की खेती के लिए भी नाली बनाकर उन पर पौध रोपाई करें. इसमें पौधे से पौधे के बीच की दूरी 35 से 40 सेंटीमीटर के बीच होनी चाहिए. जिससे पौधे का विकास अच्छा होगा और आपको पैदावार भी अच्छी मिलेगी और आय डबल होगी.
मिर्च किसी भी खाने के स्वाद को बढ़ाने का काम करती है. असल में हरी मिर्च में विटामिन-ए, विटामिन-सी, आयरन, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. इतना ही नहीं, हरी मिर्च में कैप्साइसिन नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा माना जाता है.
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