Mushroom Farming: मशरूम की खेती में किया थोड़ा सा बदलाव, अब सालाना लाखों कमा रहा यह किसान... जानिए कैसे काम करता है यह तरीका

Mushroom Farming: मशरूम की खेती में किया थोड़ा सा बदलाव, अब सालाना लाखों कमा रहा यह किसान... जानिए कैसे काम करता है यह तरीका

संगरूर के रहने वाले बलजीत सिंह गिल ने मशरूम की खेती 15 साल पहले शुरू की थी. अब वह सालाना एक करोड़ से ज्यादा का मशरूम बेच रहे हैं. और लाखों रुपए का मुनाफा भी कमा रहे हैं. कैसे काम करती है गिल की यह तकनीक, जानिए.

mushroom cultivationmushroom cultivation
क‍िसान तक
  • नई दिल्ली,
  • Feb 12, 2025,
  • Updated Feb 12, 2025, 3:03 PM IST

पंजाब के संगरूर जिले के रहने वाले बलजीत सिंह गिल हर साल मशरूम उगाकर लाखों की कमाई कर रहे हैं. आमतौर पर मशरूम राबी सीज़न (अक्टूबर से मार्च के बीच) में उगाए जाते हैं. लेकिन  गिल ने अपनी तकनीक में बदलाव किया है और अब वह पूरे साल मशरूम उगा पा रहे हैं. आइए जानते हैं गिल के मशरूम उगाने का तरीका.

शेड और कमरों में उगाते हैं मशरूम
इंडियन एक्सप्रेस की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि गिल ने करीब डेढ़ दशक पहले 225 वर्ग फुट के एक छोटे से खुले शेड से शुरुआत की थी. उन्होंने धीरे-धीरे अपने छह एकड़ खेत में से तीन एकड़ को कवर करने के लिए अपने काम का विस्तार किया. अब उन्होंने 26 अस्थायी शेड बना लिए हैं, जिनमें वह मौसमी मशरूम उगाते हैं. ये 60×30 फीट के 26 शेड दो एकड़ जमीन में फैले हुए हैं.

हर शेड 2,000 से ज्यादा बैग रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसमें फसल उगाने के लिए खाद (Compost) भी मौजूद है. उनके पास चार एयर कंडीशन्ड (Air Conditioned) कमरे भी हैं जिनमें से प्रत्येक की माप 40×17 फीट है और ऊंचाई 17 फीट है. हर कमरे में छह अलमारियां हैं जिनमें 1,500 बैग रखे जा सकते हैं. बाकी एक एकड़ में चार खाद बनाने की इकाइयां फैली हुई हैं.

सालाना हो रही लाखों की कमाई
ये कमरे लगातार 18° सेल्सियस का तापमान बनाए रखने में मदद करते हैं. इससे साल भर खेती संभव हो जाती है. अब गिल न सिर्फ अपने नियमित ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि खुले बाजार में भी प्रवेश कर चुके हैं. वह सालाना एक करोड़ से ज्यादा का मशरूम बेच रहे हैं. इसमें चार एसी कमरों में उगाए गए सालाना 20 लाख रुपए के मशरूम भी शामिल हैं.

इस सीज़न में उन्होंने 60,000 बैग से 1.20 लाख किलोग्राम (1200 क्विंटल) बटन मशरूम का उत्पादन किया. इसमें प्रत्येक बैग से लगभग दो किलोग्राम मशरूम का उत्पादन हुआ. कटाई आम तौर पर नवंबर के अंत में शुरू होती है और मार्च तक जारी रहती है. 

एक्सप्रेस की रिपोर्ट गिल के हवाले से कहती है, “मैं अपने खर्च पूरे करने के बाद प्रति शेड 70,000 रुपये से 80,000 रुपये के बीच कमाता हूं और केवल छह महीनों में तीन एकड़ से लगभग 23 लाख रुपये का शुद्ध लाभ कमाता हूं. यह पारंपरिक फसलों की तुलना में लगभग 10 गुना ज्यादा है.

गिल बताते हैं, "गेहूं और धान जैसी पारंपरिक फसलों से सालाना तीन एकड़ से लगभग 2.25 से 2.50 लाख रुपये की कमाई होती है. नकदी फसलों में निवेश ज्यादा है लेकिन परिणाम बहुत अच्छे हैं."

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