यूपी में बुंदेलखंड क्षेत्र को अब तक खेती-बाड़ी के लिहाज से बेहद पिछड़ा क्षेत्र माना जाता रहा है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने बीते कुछ सालों में बुंदेलखंड पर खास फोकस करके इस इलाके को खेती की दुश्वारियों से बाहर निकालने के लिए किसानों की इनकम बढ़ाने वाली योजनाएं शुरू की हैं.
यहां किसान अब गरीबी के दुष्चक्र से बाहर आने लगे हैं. खेती के माध्यम से ही गरीबी के दुष्चक्र से बाहर आने वाले किसान गुंची लाल झा को इस साल मोदी सरकार ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर मेहमान आमंत्रित किया है.
झांसी जिले में चिरगांव तहसील के रहने वाले गुंची लाल झा, इस इलाके के पहले ऐसे किसान हैं, जिन्हें ये सम्मान हासिल हुआ है. झा ने मोदी सरकार द्वारा पूरे देश में किसानों के 10 हजार FPO बनाने की योजना का लाभ उठाकर महज दो साल में न केवल खुद को बल्कि 300 अन्य किसानों को गरीबी के जाल से बाहर लाने का काम किया है.
इस कड़ी में SFAC की मदद से झा ने भी चिरगांव प्रोड्यूसर कंपनी लि. नाम से एफपीओ बनाया. झा ने 'किसान तक' को बताया कि उन्होंने 10 किसानों के साथ मिलकर छह लाख रुपये की पूंजी से 2021 में अपना एफपीओ बनाया था. इसमें सरकार की ओर से SFAC द्वारा छह लाख रुपये की सब्सिडी राशि मिली.
सब्सिडी को मिलाकर एफपीओ की कुल राशि 12 लाख रुपये हो गई. इससे उनके एफपीओ ने मूंगफली की प्रोसेस करके इसके दाने का कारोबार शुरू किया. उन्होंने बताया कि महज दो साल के भीतर उनके एफपीओ से 300 किसान जुड़ गए हैं.
इस समूह का सालाना कारोबार 40 लाख रुपये तक पहुंच गया है. वहीं उनके समूह के कुल 10 निदेशक और 300 किसान शेयर धारक हैं. इनमें खुद गुंची लाल झा के अलावा एक महिला और एक अनुसूचित जाति का निदेशक भी शामिल हैं.
गुंची लाल झा ने बताया कि अभी उनका एफपीओ शेयरधारक किसानों से मूंगफली खरीदता है और समूह के तहत इसकी प्रोसेसिंग कर बेहतर क्वालिटी का मूंगफली दाना पैक करके तमाम कंपनियों को बेचा जाता है. उन्होंने बताया कि उनका समूह मूंगफली दाने को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म My Store के माध्यम से भी बेचता है.
सरकारी योजनाओं से मिल रही मदद के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक के तहत उनके समूह को ट्रैक्टर, रोटावेटर, भूसा बनाने की मशीन और खेत की गहरी जुताई करने वाला प्लाऊ मिला है. इसकी मदद से समूह के किसानों के लिए खेती करना आसान हुआ है.