Food Processing : यूपी में खाद्य प्रसंस्करण की ट्रेनिंग लेकर किसानों के लिए कारोबारी बनने का सुनहरा मौका

Food Processing : यूपी में खाद्य प्रसंस्करण की ट्रेनिंग लेकर किसानों के लिए कारोबारी बनने का सुनहरा मौका

सरकार किसानों को उपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए अब उन्हें खुद कारोबारी बनने पर जोर दे रही है. इसके लिए किसानों के पास उपज का Processing कर सीधे Consumers तक पहुंचना होगा. इसी मकसद से यूपी में Yogi Govt ने किसानों, खासकर ग्रामीण युवाओं को Food Processing की ट्रेनिंग का इंतजाम किया है.

यूपी में फूड प्रोडक्ट्स करेंगे लोगों की रोजी रोटी का प्रबंध (Photo-Kisan Tak)यूपी में फूड प्रोडक्ट्स करेंगे लोगों की रोजी रोटी का प्रबंध (Photo-Kisan Tak)
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Sep 19, 2024,
  • Updated Sep 19, 2024, 2:14 PM IST

यूपी में किसानों को सरकार पारंपरिक तरीके से हटकर नए जमाने की Professional Farming करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए किसानों को गेहूं, धान की खेती करने के साथ Animal Husbandry और Horticulture सहित खेती के अन्य प्रकल्प अपनाते हुए उपज का प्रसंस्करण करने के गुर सिखाए जा रहे हैं. जिससे किसान अब महज उत्पादक बनने के बजाय कारोबारी बन कर Market Chain में शामिल हो सकें. यूपी में इस मकसद को पूरा करने के लिए सरकार ने किसानों को Agriculture Products  के खाद्य प्रसंस्करण की ट्रेनिंग देने का फैसला किया है. सरकार का मानना है कि प्रशि‍क्षण पाकर किसान अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकेंगे. प्रश‍िक्षण के बाद अपना उद्यम स्थापित करने के लिए भी योगी सरकार अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों को मदद पहुंचा रही है. इसके तहत Honey Processing से लेकर शैंपू, साबुन बनाने तक, 12 तरह की प्रोसेसिंग का प्रशिक्षण मिलेगा. इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है.

इन जिलों में होगा प्रश‍िक्षण

यूपी सरकार के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने किसानों के लिए खास Training Module तैयार किया है. विभाग के क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र द्वारा किसानों के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे.

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इसमें मधुमक्खी पालन और शहद की प्रोसेसिंग के अलावा श्रीअन्न के उत्पाद बनाने, शैंपू, साबुन, फिनाइल, Liquid Soap, Detergent Powder, बेकरी उत्पाद, और अन्य कृष‍ि उत्पाद बनाने का प्रश‍िक्षण दिया जाएगा. जिन 25 जिलों में प्रश‍िक्षण श‍िविर लगेगा, उनमें अमेठी, औरैया, बाराबंकी, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, अयोध्या, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हरदोई, जालौन, झांसी, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, ललितपुर, महोबा, पीलीभीत, रायबरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, सुल्तानपुर और उन्नाव शामिल हैं.

 एक से 3 महीने तक का प्रश‍िक्षण

इनमें सबसे ज्यादा 80 सीट शहद प्रसंस्करण एवं गुणवत्ता नियंत्रण की ट्रेनिंग के लिए हैं. यह ट्रेनिंग सबसे कम (7 दिन) अवध‍ि वाली है. इसके अलावा Millets Products बनाने के लिए सीटों की संख्या 20 है और यह प्रश‍िक्षण 7 दिन में लिया जा सकता है.  इसके बाद ग्रामीण महिलाओं को भी स्वरोजगार से जोड़ने के लिए Beautician के प्रश‍िक्षण की 60 सीटें हैं और इस कोर्स की अवध‍ि 1 महीना है.

साबुन और Bakery Products बनाने के प्रश‍िक्षण पाठ्यक्रम में 40-40 सीट हैं. इनमें से बेकरी उत्पाद बनाना सिखाने की ट्रेनिंग का समय दो महीने है, जबकि साबन के प्रश‍िक्षण की  अवध‍ि एक महीने है. मसाला, पापड़ और सोयाबड़ी आदि बनाने, फल और सब्जी के प्रसंस्‍करण और हथकरघा की ट्रेनिंग भी दो महीने में ली जा सकती है. इनमें प्रत्येक प्रश‍िक्षण के लिए सीटों की संख्या 20-20 है. वहीं, दर्जी की ट्रेनिंग के लिए भी सीटों की संख्या 20 हैं, किंतु इसकी ट्रेनिंग की अवधि‍ 3 महीने है.

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आवेदन की प्रक्रिया

कृष‍ि उत्पादों के खाद्य प्रसंस्करण क प्रश‍िक्षण लेने के लिए ऑनलाइन आवदेन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इच्छुक अभ्यर्थी आर पैक की वेवसाइट www.rfracgov.in पर जाकर पंजीकरण करा सकते हैं. प्रश‍िक्षण के लिए किसानों का चयन 'पहले आवक पहले पाव‍क' के आधार पर होगी.

प्रत्येक कोर्स के लिए पंजीकरण शुल्क 50 रुपये निर्धारित किया गया है. आवेदन करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है. इन सभी विधाओं में प्रश‍िक्षण लखनऊ, बाराबंकी, जालौन, लखीमपुर और हरदोई में दिया जाएगा.

इनमें से बेकरी उत्पाद, मसाला, पापड़, शैंपू, शहद प्रसंस्करण, Value Added Millets, फल और सब्जियों के प्रसंस्करण की ट्रेनिंग लखनऊ में दी जाएगी. दर्जी की ट्रेनिंग लखनऊ और जालौन में तथा मधुमक्खी पालन एवं साबुन बनाने का प्रश‍िक्षण बाराबंकी तथा लखनऊ में दी जाएगी.

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