उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश के 1.18 करोड़ परिवारों को आच्छादित करने की दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है. 53 जनपदों के 49084 स्वयं सहायता समूहों के 539000 सदस्यों को 350 करोड रुपए की धनराशि ऑनलाइन माध्यम से उनसे संबंधित समूह के खाते में भेजी गई. इस धनराशि में से 19992 स्वयं सहायता समूह के 2.19 लाख परिवारों को रिवाल्विंग फंड के रूप में 30 करोड रुपए तथा 29092 स्वयं सहायता समूह के 3.20 लाख परिवारों को सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 320 करोड रुपए निर्गत किए गए हैं. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या द्वारा सभी दिदियो को इस अवसर पर हार्दिक शुभकामना भी प्रेषित की गई. वही उनको आजीविका गतिविधियों में स्किल क्षमता बढ़ाते हुए अपनी स्वयं की पहचान बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया गया.
उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ( SRLM)के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. प्रदेश के आजीविका मिशन की निदेशक सी.इंदुमती द्वारा बताया गया कि सभी समूह सदस्यों को सितंबर 2023 तक प्रदेश में 1.18 करोड़ परिवारों को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आच्छादित करने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है. पंडित दीनदयाल अंत्योदय योजना व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के लक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए राष्ट्रवाद प्रशासन और समग्र विकास से अंत्योदय के लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में प्रधानमंत्री की प्रेरणा से मुख्यमंत्री के कुछ और मार्गदर्शन में प्रदेश की दीदियों को स्वरोजगार उद्यमशीलता एवं कौशल विकास द्वारा आत्मनिर्भर बन रही है. प्रदेश में अधिक से अधिक परिवारों को मिशन द्वारा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से आच्छादित करते हुए उनका सामाजिक एवं आर्थिक विकास करते हुए सशक्तिकरण वह आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी तीब्र गति से कार्य किया जा रहा है.
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राज ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गरीब महिलाओं की स्थाई एवं सशक्त संस्थाओं का निर्माण कर स्वयं सहायता समूह के गठन के माध्यम से प्रदेश में 5 लाख से ज्यादा परिवार सशक्त हुए हैं. उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह का गठन, ग्राम संगठन स्टार्टअप फंड ,रिवाल्विंग फंड ,माइक्रो क्रेडिट प्लान एवं कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड, बैंक लीकेज, लाइवलीहुड फंड, कस्टम हायरिंग सेंटर, जोखिम निवारण निधि, महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना जैसे कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में 1.18 करोड़ परिवारों को आच्छादित करने की दिशा में तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है.