UP Revenue : यूपी में न्यूनतम मंडी शुल्क के बाद भी मंडी परिषद को हो रही भरपूर कमाई, बढ़ रहा राजस्व संग्रह

UP Revenue : यूपी में न्यूनतम मंडी शुल्क के बाद भी मंडी परिषद को हो रही भरपूर कमाई, बढ़ रहा राजस्व संग्रह

यूपी में किसानों से न्यूनतम मंडी शुल्क लेने की Yogi Govt की पहल अब रंग दिखाने लगी है. यूपी में सबसे कम मंडी शुल्क लगने के बावजूद मंडियों से Revenue Collection में भरपूर इजाफा हुआ है. सीएम योगी ने मंडियों से हो रही कमाई को किसानों के हित में खर्च करने काे कहा है. इस राश‍ि से मंडियों में किसानों को मिलने वाली सहूलियतों में इजाफा किया जाएगा.

आपके जिले में कहां है ई-नाम मंडी जहां आसानी से बेच सकते हैं उपजआपके जिले में कहां है ई-नाम मंडी जहां आसानी से बेच सकते हैं उपज
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Jul 17, 2024,
  • Updated Jul 17, 2024, 6:21 PM IST

यूपी में योगी सरकार ने मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बाद भी मंडियों से राजस्व संग्रह को पिछले सालों की तुलना में बढ़ाने की उपलब्धि हासिल की है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कामयाबी की सराहना करते हुए इस मुनाफे को किसानों के हित में ही खर्च करने को कहा है. सीएम योगी ने मंडी परिषद के संचालक मंडल की 170 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मंडियों में किसानों की उपज सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. इसके तहत उपज को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए Cold Storage बनाने के अलावा मंडी में किसानों की सुविधाएं बढ़ाने के काम किए जा सकते हैं. इनमें किसानों के लिए मंडी में Rest House और Canteen आदि बनाने के काम किए जाएंगे. बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में मंडी परिषद को लगभग 1862 करोड़ रुपये की आय हुई. यह पिछले सालों की तुलना में ज्यादा है.

मंडी परिषद की उपलब्धि

यूपी कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की बैठक में सीएम योगी को बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी Revenue Loss नहीं हुआ. इसके उलट यूपी सरकार के राजस्व संग्रह में मंडियों का बेहतर योगदान रहा है. मंडी परिषद को एक तरफ वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1553 करोड़ रुपये की आय हुई थी, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 1862 करोड़ रुपये हो गई.

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किसानों को मिलेंगी ये छूट

सीएम योगी ने सरकार के सहयोग से प्रदेश में लगाई जा रही Processing Units को मंडी शुल्क में छूट देने की व्यवस्था काे सरल करने का भी निर्देश दिया. जिससे किसान ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्रसंस्करण करने के लिए प्रोत्साहित हो सकें.

मौजूदा व्यवस्था में Food Processing Unit लगाने की तारीख से 6 माह के भीतर मंडी शुल्क में छूट पाने के लिए मंडलायुक्त के समक्ष आवेदन करना होता है. इस पर रिपोर्ट लेने के लिए जिसे मंडलायुक्त द्वारा District Magistrate के पास भेजा जाता है.  इस व्यवस्था काे सरल करते हुए इकाई संचालक द्वारा यह आवेदन अब सीधे जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष ही किया जाएगा. जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आवेदन प्राप्त होने के 7 दिनों में रिपोर्ट के लिए मंडी समिति को भेजा जाएगा.

इसके अलावा गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बरीपाल और मुरादाबाद की मंडी समिति में खाद्य तेलों पर User Charge लिए जाने की व्यवस्था है. व्यापारियों के हित में इसे समाप्त करने का निर्देश देते हुए सीएम ने कहा कि यदि कोई व्यापारी वर्ष भर में मंडी की दुकान से जितने मूल्य के खाद्य तेलों का व्यापार करे, न्यूनतम उतने ही मूल्य के कृषि उत्पाद, जिन पर मण्डी शुल्क या यूजर चार्ज लिया जाता है, का भी व्यापार करे तो उनसे खाद्य तेल पर यूजर चार्ज न लिया जाए.

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मंडी में होगा ई ऑक्शन

सीएम योगी ने कहा कि मंडी परिषद एवं मंडी समितियों में विभिन्न विभागीय सम्पत्तियों की नीलामी को पारदर्शी बनाने के लिए 'मैनुअल नीलामी करने के बजाए E-Auction व्यवस्था को लागू किया जाए.

इसके अलावा उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीण अंचलों के अतिरिक्त कतिपय नगरीय क्षेत्रों में भी हाट-पैठ यानी छोटी मंडी का निर्माण कराये जाने की मांग को पूरा करने की जरूरत पर बल दिया. इसके लिए उन्होंने नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम में स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप अच्छे हाट-पैठ बनाने, नए अधिसूचित नगरीय निकायों को प्राथमिकता देते हुए हाट-पैठ बनने के बाद संबंधित मंडी समिति द्वारा इसे नगर पंचायत, नगर पालिका अथवा नगर निगम को हस्तान्तरित करने को कहा.

बैठक में बताया गया कि मंडी समिति द्वारा कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या), बांदा एवं कानपुर में छात्रावास तैयार कराया गया है. वर्तमान में कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या) एवं बांदा में छात्रावास निर्माणाधीन है. इस पर सीएम ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय मेरठ, कानपुर, बांदा में एक-एक छात्रावास का निर्माण कराया जाए और कुमारगंज (अयोध्या) में निर्माणाधीन छात्रावास की क्षमता 100 से बढ़ाकर 150 की जाए.

उन्होंने फसलों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्ण रोपण सामग्री, बागवानी फसलों के गुणवत्ता पूर्ण रोपण एवं रोग मुक्त बनाने के लिए चारों कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में Tissue Culture Lab की स्थापना करने को भी कहा. इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी. इसी प्रकार, रायबरेली में एक उद्यान महाविद्यालय की स्थापना कराने की संभावनाओं का अध्ययन कर शासन को अवगत कराने का सीएम याेगी ने निर्देश दिया.

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