lulu Mall में अब मिलेंगी गांव में बनने वाली ये चीजें, जानें क्या होगा खास

lulu Mall में अब मिलेंगी गांव में बनने वाली ये चीजें, जानें क्या होगा खास

गांव में बने अचार, सत्तू, पापड़, दलिया और इमली से लेकर हथकरघा से बने कपड़े तक, तमाम देसी सामान अब Lulu Mall से भी खरीदे जा सकेंगे. यूपी में योगी सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए गांवों में गठित महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को लुलू मॉल से जोड़ने की पहल की है.

गांव में बने उत्पादों को लुलू मॉल में बेचने के करार के बाद यूएई और यूपी सरकार के प्रत‍िनिध‍ियों ने किया पौधारोपणगांव में बने उत्पादों को लुलू मॉल में बेचने के करार के बाद यूएई और यूपी सरकार के प्रत‍िनिध‍ियों ने किया पौधारोपण
क‍िसान तक
  • Lucknow,
  • Feb 12, 2023,
  • Updated Feb 12, 2023, 10:41 AM IST

यूपी में निवेश को आकर्षित करने के लिए आयोजित 'ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट' (जीआईएस) में लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ हुए करार में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को भी मॉल में बेचने की बात कही गई है.इसके तहत दुनिया के तमाम देशों में माॅल का संचालन कर रही यूएई की कंपनियों, इलाना और लुलू ग्रुप ने यूपी के गांवों की महिलाओं के समूहों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों की बिक्री इनके मॉल से करने का करार किया है.

अयोध्या में भी खुलेगा लुलू मॉल


उत्तर प्रदेश सरकार में एमएसएमई, खादी और ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 23 सितंबर 2021 को भारत सरकार और यूएई के बीच आर्थिक सहयोग को लेकर साझेदारी हुई थी. इसके सकारात्मक परिणाम के रूप में भारत यूएई साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए यूपी जीआईएस23 में यह महत्वपूर्ण करार किया गया है. इसके तहत लुलू मॉल ने यूपी सरकार के साथ 3300 करोड़ रुपए के निवेश का करार किया है.

उन्होंने बताया कि इस करार के फलस्वरूप अयोध्या और वाराणसी समेत यूपी के अन्य शहरों में भी मॉल खोले जाएंगे. सचान ने बताया कि एलाना ग्रुप ने भी खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश का करार किया है. इसके अलावा लुलू मॉल के साथ ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को मॉल में बेचने का करार हुआ है.

विश्व फलक पर पहुंच सकेंगे गांव में बने सामान

सचान ने बताया कि इस करार के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे देसी सामानों की पहुंच इन मॉल के जरिए न सिर्फ भारत के शहरी क्षेत्रों में होगी, बल्कि दुनिया उन हिस्सों में भी ये सामान पहुंच सकेंगे, जहां ये मॉल चल रहे हैं. इससे गांव में बने उत्पादों की धमक विश्व फलक पर तो होगी ही, साथ में इन उत्पादों के बेहतर दाम मिल सकेंगे. उन्होंने भरोसा जताया कि इससे गांव की महिलाओं और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सकेगी.

5 साल में 100 बिलियन डॉलर के व्यापार का लक्ष्य

जीआईएस में यूपी सरकार के साथ हुए इस करार के समय मौजूद यूएई सरकार के मंत्री अहमद बिन अली अल सेझ ने कहा कि यूएई सरकार ने यूपी सरकार के साथ 'गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट' सहयोग को आगे बढ़ाया है. इस क्रम में एमएसएमई विभाग के साथ यह करार किया गया है. उन्होंने कहा कि यूएई ने अगले 5 वर्षों में भारत के साथ कुल व्यापार 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है. इस लक्ष्य को हासिल करने में यूएई की कंपनियों द्वारा यूपी सरकार के साथ हुए करार अहम भूमिका निभाएंगे.

यूएई की कंपनियां यूपी में बनाएंगी फूड पार्क

सेझ ने कहा कि यूएई ने यूपी में परंपरागत निवेश के अलावा नए उभरते क्षेत्रों पर भी फोकस किया है. इनमें रक्षा, अंतरिक्ष विज्ञान और यांत्रिकी के अलावा खाद्य प्रसंस्करण एवं कृष‍ि विज्ञान भी शामिल है. सेझ ने कहा कि इस कड़ी में यूएई की कुछ कंपनियां यूपी में फूड पार्क बनाने जा रही हैं. इन फूड पार्कों में कृष‍ि उपज और इनसे बने उत्पादों को प्रमुखता से जगह मिलेगी. साथ ही यहां की ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को इन कंपनियों के मॉल में बिक्री के लिए रखा जाएगा.

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