Crop Insurance: यूपी में अब मौसम का जोखिम शुरू होने से एक दिन पहले बागवानी फसलों का हो सकेगा बीमा

Crop Insurance: यूपी में अब मौसम का जोखिम शुरू होने से एक दिन पहले बागवानी फसलों का हो सकेगा बीमा

यूपी में योगी सरकार ने बागवानी फसलों के PMFBY में बीमा को लेकर किसानों को बड़ी राहत दी है. योगी सरकार ने पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में राज्य के बागवानी किसानों के लिए फसल बीमा कराने की अधिकतम समय सीमा को खत्म कर दिया है. अब बागवानी किसान मौसम का जोखिम शुरू होने से एक दिन पहले ही अपनी फसल का बीमा करा सकेंगे.

यूपी में फसल बीमा योजना को आगे भी जारी रखने के फैसले काे योगी कैबिनेट ने मंजूरी दी, फोटो: यूपी सरकार यूपी में फसल बीमा योजना को आगे भी जारी रखने के फैसले काे योगी कैबिनेट ने मंजूरी दी, फोटो: यूपी सरकार
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Jun 07, 2023,
  • Updated Jun 07, 2023, 1:22 PM IST

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में फसल बीमा को लेकर दो अहम फैसलों काे मंजूरी दी गई. बैठक में यूपी के कृष‍ि मंत्री सूर्यप्रताप शाही द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में पीएम फसल बीमा योजना यानी PMFBY और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 तक प्रदेश में लागू रखने को मंजूरी दी गई है. शाही ने बताया कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार योगी मंत्री परिषद ने इस साल खरीफ सीजन से लेकर वित्तीय वर्ष 2025-26 में रबी सीजन तक फसल बीमा की इन दोनों योजनाओं को प्रदेश में लागू करने का प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया है. उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने बागवानी फसलों के लिए बीमा कराने की अंतिम समय सीमा की बाध्यता को भी खत्म कर दिया है. अब मौसम का जोखिम शुरू होने से एक दिन पहले तक फसल का बीमा कराया जा सकेगा. स्पष्ट है कि अब बागवानी किसान मौसम विभाग के पूर्वानुमान को देख समझ कर अपनी फसल का बीमा करा सकेंगे. बागवानी किसानों के लिए इसे बड़ी राहत माना जा रहा है.

फसल बीमा पर सरकार का फैसला

यूपी में बागवानी और गैर बागवानी फसलों के लिए दो प्रकार की फसल बीमा योजनाएं लागू हैं. गेहूं और धान सहित रबी एवं खरीफ सीजन की 18 फसलों का ' PMFBY' में बीमा कराया जा सकता है. इसके अलावा 7 बागवानी फसलों का बीमा कराने के लिए 'पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना' लागू है.

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क्या है बीमा की समय सीमा

नई व्यवस्था के तहत किसान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ सीजन के दौरान धान और अरहर सहित 10 फसलों का बीमा पहले की ही तरह 31 जुलाई तक करा सकेंगे. इसी योजना में किसानों के लिए रबी सीजन में गेहूं और मटर सहित 8 फसलों का बीमा कराने की अधिकतम समय सीमा 31 दिसंबर निर्धारित की गई है. वहीं, 7 प्रकार की बागवानी फसलों का बीमा पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत किया जाता है. इस योजना में बीमा कराने की अधिकतम सीमा को खत्म कर अब मौसम का जोखिम प्रारम्भ होने के एक दिन पहले तक बीमा कराया जा सकेगा.

गौरतलब है कि प्राकृतिक आपदाओं, रोगों एवं कीट प्रकोप से फसलों को होने वाले नुकसान को बीमा के दायरे में रखा गया है. इसके तहत फसल बीमा कवर के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत स्तर पर फसलों का बीमा करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को संचालित किया जा रहा है.

इन फसलों का होता है बीमा

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना यूपी के सभी 75 जिलों में लागू है. इसके तहत कुल 18 फसलों काे बीमा कवर के दायरे में लिया गया है. इनमें खरीफ सीजन की 10 फसलें धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग, मूंगफली, तिल, सोयाबीन एवं अरहर शामिल हैं. इसके अलावा रबी सीजन की 8 फसलों में गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, अलसी, लाही या सरसों तथा आलू को फसल बीमा के दायरे में रखा गया है.

इसके अलावा बागवानी फसलों का बीमा कराने के लिए यूपी में 'पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना' लागू है. इस योजना के तहत प्रतिकूल मौसम की स्थितियों जैसे कम व अधिक वर्षा, तापमान, तेज हवा, आर्द्रता आदि से फसल को संभावित नुकसान की स्थिति में बीमा कवर के रूप में किसानों काे वित्तीय सहायता दी जाती है. यह योजना 7 प्रकार की बागवानी फसलों के उत्पादन से जुड़े 60 जिलों में लागू की गई है.

इसके अंतर्गत केला की फसल बाहुल्य वाले 31 जिलों, मिर्च उत्पादक 22 जिलों, पान के 07 जिलों, हरी मटर के 19 उत्पादक जिलों, टमाटर के 28 जिलों, शिमला मिर्च के 08 जिलों तथा आम उत्पादक 20 जिलों के किसान अपने जिले से संबद्ध फसल का बीमा करा सकते हैं. इन जिलों में यह योजना खरीफ 2023 से रबी 2025-26 तक लागू रहेगी. किसान अपनी फसल को अपने गांव के विकास खण्ड में स्थित मौसम केन्द्र पर बीमित करा सकेंगे. अब किसान मौसम केंद्र से पूर्वानुमान मिलने पर फसल के लिए मौसम का जोखिम शुरू होने के एक दिन पहले भी बीमा करा सकते हैं.

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इतना प्रीमियम देना होगा

शाही ने कहा कि इन दोनों योजनाओं में फसल बीमा योजना के दायरे में आए बीमित किसानों को समय से बीमा का लाभ प्राप्त न हो पाने की स्थिति में सम्बन्धित बीमा कम्पनी के विरुद्ध आर्थिक अर्थदण्ड लगाए जाने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने फसल बीमा के प्रीमियम की जानकारी देते हुए बताया कि फसल की बीमा राशि यानी प्रीमियम, फसल की उत्पादन लागत के अनुरूप होगा.

उन्होंने कहा कि फसलों को वास्तविक प्रीमियम दर पर बीमित किया जाएगा; किसानों द्वारा वहन किया जाने वाला प्रीमियम अंश खरीफ सीजन में बीमित राशि का 2.0 प्रतिशत तथा रबी सीजन में 1.5 प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम दर, जो कम हो, तक सीमित रखा जाएगा.

इसके अलावा वार्षिक नकदी फसलों या बागवानी फसलों के लिए किसानों द्वारा वहन किए जाने वाले प्रीमियम अंश को बीमित राशि का 5.0 प्रतिशत अथवा वास्तविक प्रीमियम दर, जो कम हो, तक सीमित रखा जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों द्वारा वहन किए जाने वाले प्रीमियम अंश से अधिक एवं फसल के वास्तविक प्रीमियम दर के अंतर की धनराशि को प्रीमियम पर अनुदान के रूप में केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बराबर-बराबर वहन किया जाएगा.

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