प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से देश को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कई योजनाओं का जिक्र किया. इसमें सबसे खास रहा लखपति दीदी स्कीम. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार बहुत जल्द देश में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है. प्रधानमंत्री की इस घोषणा के साथ ही यह चर्चा तेज हो गई कि आखिर लखपति दीदी क्या है जिसका ऐलान खुद पीएम मोदी ने लाल किले से किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने विश्वकर्मा योजना की भी बात की जो देश के कारीगरों के लिए शुरू की जा रही है. इसका शुरुआत विश्वकर्मा जयंती पर की जाएगी. तो आइए सबसे पहले लखपति दीदी योजना के बारे में जान लेते हैं.
दरअसल, लखपति दीदी योजना देश में महिलाओं के लिए चलाई जाने वाली स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी है. इसे शॉर्ट में एसएचजी कहते हैं. इन समूहों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक है. अब इस भागीदारी को और भी सशक्त और मजबूत बनाने की तैयारी है. इसके लिए सरकार की ओर से देश के 15,000 महिला सेल्फ हेल्फ ग्रुप को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही इन महिलाओं को ड्रोन की मरम्मती का काम भी सिखाया जाएगा. इससे सरकार का मकसद है कि महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें. इसी आधार पर सरकार ने इस नई योजना का नाम लखपति दीदी योजना रखा है.
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अब सवाल है कि लखपति दीदी योजना में सबसे अधिक तवज्जो ड्रोन की ट्रेनिंग को क्यों दी गई. इसका जवाब है कि ड्रोन सेक्टर भारत में सबसे तेजी से फैलने वाला सेक्टर है. आने वाले दिनों में ड्रोन के क्षेत्र में भारत में बहुत काम होना है. खासकर कृषि के क्षेत्र में. सरकार ने इसकी पहल भी कर दी है. इसमें इफको जैसी सहकारी संस्था बड़ा रोल निभा रही है. अभी हाल में इफको ने ऐलान किया कि वह किसानों को ड्रोन किराये पर देगी ताकि किसान उसकी मदद से फसलों पर छिड़काव आदि का काम कर सकें. इससे पता चलता है कि आने वाला समय ड्रोन टेक्नोलॉजी का है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन से जोड़ने की नई स्कीम के बारे में ऐलान किया.
भारत सरकार ड्रोन के क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी अधिक बढ़ाने पर काम कर रही है. इससे ड्रोन के क्षेत्र में रोजगार बढ़ेंगे और कृषि क्षेत्र को नई जान मिलेगी. देश में अभी तक कृषि का मशीनीकरण बहुत कम हुआ है. यहां तक कि कीटनाशकों और खाद आदि के छिड़काव में मशीन का सहारा नहीं लेने से बर्बादी आधिक होती है और खर्च भी ज्यादा लगता है. इससे बचने के लिए सरकार खेती-बाड़ी में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा रही है. इससे समय की बचत के साथ पैसे की बर्बादी भी रोकी जा सकेगी. इससे किसानों की खेती की लागत घटेगी और उन्हें फायदे का सौदा अधिक होगा.
ड्रोन से एकसाथ कई फायदे मिलेंगे. जैसे कृषि का कोई भी सटीक काम ड्रोन के जरिये किया जा सकेगा. इसकी ट्रेनिंग महिलाओं को दी जाएगी तो ग्राणीण अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी. रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी. इससे महिलाओं की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी. कुल मिलाकर इससे परिवार की खुशहाली बढ़ाने में मदद मिलेगी. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लखपति दीदी योजना को ड्रोन सेक्टर से जोड़ने का ऐलान किया है.
लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारीगरों के लिए भी बड़ा ऐलान किया. कारीगरों के लिए विश्वकर्मा पूजा सबसे खास दिन माना जाता है. इस दिन कारीगर अपने औजारों की पूजा करते हैं. प्रधानमंत्री ने इस खास वर्ग को ध्यान में रखते हुए विश्वकर्मा स्कीम की घोषणा की. हालांकि इसके बारे में उन्होंने अधिक जानकारी नहीं दी, लेकिन इतना जरूर कहा कि कारीगर समुदाय के कल्याण को ध्यान में रखते हुए विश्वकर्मा स्कीम शुरू की जा रही है. लाल किले से प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा की.
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