कृषि क्षेत्र में पौधों के विकास और अच्छी पैदावार के लिए खाद की अहमियत काफी अधिक होती है. पौधे चाहे छोटे लगाने हों या बड़े स्तर पर, उनकी ग्रोथ के लिए अच्छी क्वालिटी की खाद देना जरूरी होता है. यही वजह है कि लोग अपने खेतों में या बगीचे में इस्तेमाल करने के लिए हमेशा बढ़िया से बढ़िया खाद तलाशते हैं. इस तलाश में कई बार लोगों को खाद खरीदने के लिए दुकानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस परेशानी से निजात के लिए अब आप अपने नजदीकी दुकान में खाद है या नहीं, बस एक मैसेज भेजकर पता कर सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में.
उर्वरक विभाग ने डीबीटी परियोजना में किसानों को उर्वरक बेचने के लिए शॉर्ट मैसेजिंग सर्विस (SMS) लागू की है. खाद की हर खरीद पर खरीदार किसान को SMS के माध्यम से उसके मोबाइल पर रसीद मिलेगी. उर्वरक विभाग ने 30 सितंबर 2020 को ये सेवा शुरू की थी. इसमें किसानों के लिए 91-7738299899 नंबर मुहैया करवाया गया है. इससे किसानों को दुकान के बाहर चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगा.
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1. किसानों को इस नंबर 91-7738299899 पर एसएमएस करने में चालान संख्या, खुदरा विक्रेता का नाम, भुगतान की जाने वाली कुल राशि, खरीदी गई मात्रा और सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी जैसे विवरण शामिल होते हैं.
2. इस सर्विस का उपयोग किसानों को उन खुदरा दुकानों पर खाद है कि नहीं, ये जानने के लिए समय-समय पर एसएमएस भेजने के लिए किया जाता है, जहां से उन्होंने पिछली बार उर्वरक खरीदा था.
3. किसान 91-7738299899 पर (खुदरा विक्रेता आईडी के साथ) एसएमएस भेजकर खुदरा दुकानों पर खाद है या नहीं, इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
यह एसएमएस की सुविधा सरकार ने किसानों को उर्वरक सब्सिडी योजना के तहत दी है. उर्वरक सब्सिडी योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में किसानों को सशक्त बनाना है. इस योजना का उद्देश्य खेती में खाद बिक्री या वितरण में बिचौलियों की भूमिका को कम करना है. इससे किसानों को बिचौलियों से छुटकारा मिलता है. इस योजना के लागू होने से पूरी व्यवस्था डिजिटल हो गई है क्योंकि किसानों से खाद की रजिस्टर्ड खरीद के बाद किसानों को 100 फीसदी सब्सिडी राशि मिलती है. इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि खेतिहर मजदूर उचित दरों पर खाद खरीदें. साथ ही सरकार के पास सब्सिडी का लाभ उठाने वाले किसानों का रिकॉर्ड भी होता है.