पिछले तीन महीनों में तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावट, ये है वजह

पिछले तीन महीनों में तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावट, ये है वजह

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने किसानों के जागरूकता अभियान, आउटरीच कार्यक्रम, बीज वितरण आदि के लिए एनसीसीएफ और नैफेड को सहायता प्रदान की  है. सरकार ने नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और पीएम-आशा योजना के तहत तुअर और उड़द की सुनिश्चित खरीद के लिए किसानों का पूर्व-पंजीकरण लागू किया है.

तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावटतुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावट
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 27, 2024,
  • Updated Nov 27, 2024, 6:25 PM IST

दलहन की प्रमुख फसलों के दाम में गिरावट जारी है. दरअसल, पिछले तीन महीनों में तुअर और उड़द की खुदरा कीमतों में गिरावट आई है या वे स्थिर बनी हुई है. उपभोक्ता मामले विभाग ने दालों की मंडी और खुदरा कीमतों के रुझानों पर विचार-विमर्श करने के लिए भारतीय खुदरा विक्रेता संघ (आरएआई) और संगठित खुदरा श्रृंखलाओं के साथ नियमित बैठकें करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खुदरा विक्रेता खुदरा मार्जिन को उचित स्तर पर बनाए रखें.

इतने किसानों को किया गया रजिस्टर्ड

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने किसानों के जागरूकता अभियान, आउटरीच कार्यक्रम, बीज वितरण आदि के लिए एनसीसीएफ और नैफेड को सहायता प्रदान की है. सरकार ने नैफेड और एनसीसीएफ के माध्यम से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) और पीएम-आशा योजना के मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) घटकों के तहत तुअर और उड़द की सुनिश्चित खरीद के लिए किसानों का पूर्व-पंजीकरण लागू किया है. 22.11.2024 तक एनसीसीएफ और नैफेड द्वारा कुल 10.66 लाख किसानों को पंजीकृत किया गया है.

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दालों के कीमतों में असामान्य वृद्धि

घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए दालों का सुचारू और निर्बाध आयात सुनिश्चित करने के लिए, तुअर और उड़द के आयात को 31.03.2025 तक 'मुक्त श्रेणी' में रखा गया है. वहीं, मसूर के आयात पर 31.03.2025 तक कोई शुल्क नहीं लगाया गया है. इसके अतिरिक्त, सरकार ने घरेलू बाजार में दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 31.03.2025 तक देसी चना के शुल्क मुक्त आयात की भी अनुमति दी है. तुअर, उड़द और मसूर की स्थिर आयात नीति व्यवस्था देश में तुअर और उड़द की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने में प्रभावी रही है, क्योंकि आयात का प्रवाह निरंतर बना हुआ है, जिससे दालों की उपलब्धता बनी हुई है और कीमतों में असामान्य वृद्धि पर अंकुश लगा है.

तुअर फसल की कटाई हुई शुरू

खरीफ फसलों की स्थिति अच्छी है और मूंग, उड़द जैसी कम अवधि वाली फसलों की कटाई पूरी हो चुकी है, जबकि तुअर की फसल की कटाई अभी शुरू ही हुई है. मौसम भी फसल के लिए अनुकूल रहा है, जिससे उपभोक्ताओं तक आपूर्ति श्रृंखला में अच्छा प्रवाह बना हुआ है, जिससे दालों की कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है. यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री ने दी है.

सरकार बेच रही बफर स्टॉक वाली दाल

खुदरा बाजार में सीधे हस्तक्षेप करने के लिए सरकार ने बफर स्टॉक से दालों के एक हिस्से को भारत दाल ब्रांड के तहत लोगों को सस्ती कीमतों पर खुदरा दामों में बेच रहा है. इसी तरह भारत ब्रांड के तहत खुदरा उपभोक्ताओं को रियायती कीमतों पर आटा और चावल भी बेचा जाता है. थोक बाजारों में उच्च मूल्य वाले उपभोक्ता केंद्रों और खुदरा दुकानों के माध्यम से कीमतों को कम करने के लिए बफर प्याज को एक संतुलित और लक्षित तरीके से जारी किया जाता है.

प्रमुख उपभोग केंद्रों में स्थिर खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं के बीच प्याज 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से वितरित किया जाता है. इन उपायों से दालें, चावल, आटा और प्याज जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं को उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराने और कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली है.

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