पंजाब और हरियाणा में कृषि संकट दूर करने के लिए सुप्रीमकोर्ट की ओर से गठित पैनल ने किसानों की डायरेक्ट इनकम सपोर्ट की सिफारिश की है. पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कई समाधान सुझाए हैं, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी मान्यता देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सीधे आय सहायता की पेशकश करने की सिफारिश की है. कई विशेषज्ञों ने कहा है कि कृषि संकट से निपटने के लिए सबसे अच्छा तरीका फसल विविधीकरण है.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट पैनल ने कृषि संकट के पीछे के कारणों का जिक्र किया है, जिसमें स्थिर उपज, बढ़ती लागत, कर्ज और अपर्याप्त मार्केटिंग सिस्टम शामिल है. शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों की शिकायतों को हल करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह के तहत 2 सितंबर को गठित पैनल ने यह भी कहा कि MSP, डायरेक्ट इनकम सपोर्ट और अन्य तरीकों सहित लाभकारी मूल्य तय करने के सिस्टम के जरिए कृषि क्षेत्र में सुधार को जांचने की जरूरत है.
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि पंजाब और हरियाणा में खेतिहर मजदूरों की आमदनी बढ़ाने और पानी की अधिक खपत वाले चावल और गेहूं की खेती के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की जरूत है. इसके अलावा फलों और सब्जियों में हाई प्राइस वाली नकदी फसलों की ओर फसल विविधीकरण की जरूरत है. इन सबके लिए सरकार को प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए.
कृषि अर्थशास्त्री और कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट पैनल के सदस्य पीके जोशी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया कि हाई प्राइस वाली बागवानी फसलों के उत्पादन के साथ-साथ फूड प्रॉसेसिंग के लिए बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि किसान पानी की अधिक खपत वाली चावल की खेती से दूर हो जाएं.
कृषि विभाग के पूर्व सचिव सिराज हुसैन ने कहा कि महाराष्ट्र की तरह पंजाब और हरियाणा भी कृषि उत्पादों के निर्यात केंद्र के रूप में उभर सकते हैं, बशर्ते किसानों के लिए प्रोत्साहन और बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और राज्य के किसानों को निर्यात का लाभ दिलाने के लिए जरूरी प्रयासों में पंजाब ने अहम भूमिका निभाई है.
पैनल ने शीर्ष अदालत को सौंपी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा कि छोटे और सीमांत किसानों के साथ-साथ खेत मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. असलियत में ग्रामीण समाज गंभीर आर्थिक तनाव में है. राष्ट्रीय स्तर पर कुल श्रमिकों में से 46 फीसदी कृषि में लगे हुए हैं, जिनकी आय में हिस्सेदारी केवल 15 फीसदी है. पैनल ने सुप्रीमकोर्ट के विचारार्थ 11 मुद्दे तैयार किए हैं. इनमें कृषि को पुनर्जीवित करना, बढ़ते कर्ज के कारणों की जांच करना, किसानों की परेशानी और किसानों और ग्रामीण समाज में बढ़ती अशांति के पीछे की वजहों की जांच करना शामिल है. जबकि फसल अवशेष प्रबंधन भी एक गंभीर चुनौती बताया गया है.
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