Latest farming techniques: 30 मज़दूरों का काम निपटा देती है ये मशीन, घंटे भर में काटती है कई बीघा गेहूं, कीमत भी जान लें

Latest farming techniques: 30 मज़दूरों का काम निपटा देती है ये मशीन, घंटे भर में काटती है कई बीघा गेहूं, कीमत भी जान लें

Latest farming techniques: गेहूं कटाई मशीन किसानों के लिए कितनी फायदेमंद है? इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मशीन का इस्तेमाल राजस्थान के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. राजस्थान के अधिकांश किसान गेहूं और बाजरा की पारंपरिक खेती पर निर्भर हैं.

गेहूं की कटाई के लिए करें इस मशीन का इस्तेमालगेहूं की कटाई के लिए करें इस मशीन का इस्तेमाल
प्राची वत्स
  • Noida,
  • Feb 19, 2024,
  • Updated Feb 19, 2024, 12:47 PM IST

Latest farming techniques: गेहूं और बाजरा जैसी फसलों में सबसे बड़ी समस्या उनकी कटाई के समय आती है. रबी की मुख्य फसल गेहूं की कटाई का काम चल रहा है. मजदूर नहीं मिलने के कारण किसान समय पर गेहूं और अन्य रबी फसलों की कटाई नहीं कर पा रहे हैं. अगर मजदूर उपलब्ध भी हो तो पारंपरिक तरीके से गेहूं की कटाई करने में कई दिन लग जाते हैं और लंबे समय तक गेहूं की कटाई नहीं होने से गेहूं के दाने बिखरने का डर रहता है. इसलिए आज हम आपको एक ऐसी हल्की गेहूं की कटाई मशीन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सिर्फ 30 मिनट में एक बीघे की फसल काट सकती है. इस मशीन का नाम रीपर है. यह बाजार में उपलब्ध होगा. यह स्वचालित चार और तीन पहिया वाहन रीपर बाइंडर है. यह मशीन छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. इस मशीन की खूबियां और कीमत जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

गेहूं की कटाई में होती है देरी

गेहूं कटाई मशीन (Latest farming techniques) किसानों के लिए कितनी फायदेमंद है? इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मशीन का इस्तेमाल राजस्थान के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. राजस्थान के अधिकांश किसान गेहूं और बाजरा की पारंपरिक खेती पर निर्भर हैं.

हर साल जब भी क्षेत्र में बाजरा और गेहूं की फसल पकती है तो प्रदेश के ज्यादातर किसानों को मजदूरों की कमी के कारण कटाई में दिक्कत आती है. इसलिए इन दिनों ट्रैक्टरों से बाजरा कटाई में स्थानीय लोगों को भरपूर रोजगार मिल रहा है. कटाई का सारा काम गेहूं काटने वाली मशीन रिपर से किया जाता है, जो ट्रैक्टर पर लगी होती है.

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समय और पैसा दोनों की होती है बचत

पूर्वी राजस्थान के करौली जिले के कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीना बताते हैं कि जहां एक बीघे की फसल काटने में 5 मजदूरों का पूरा दिन लग जाता है, वहीं यह मशीन 30 मिनट में एक बीघे की फसल को पूरी तरह से काटकर अलग कर देती है.

उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से करौली में किसान कटाई के लिए इसी गेहूं कटाई मशीन (Latest farming techniques) का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि एक बीघे की फसल काटने के लिए 5 मजदूरों की जरूरत होती है, जिन्हें 300 से 400 रुपये की मजदूरी मिलती है. वहीं, रीपर मशीन 1200 रुपये के किराये पर आधे घंटे में एक बीघे की फसल काट देती है.

क्या है कीमत और सब्सिडी?

गेहूं कटाई मशीन/रिपर मशीन की कीमत 80 हजार रुपये से 1 लाख रुपये के बीच है. जिस पर कृषि विभाग सब्सिडी भी देता है. पूर्वी राजस्थान के करौली जिले के कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीना ने बताया कि ट्रैक्टर से चलने वाली इस मशीन की खरीद पर कृषि विभाग की ओर से 50 से 60 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है. यह मशीन किसानों को बिना किसी परेशानी के फसल काटने में माहिर है और आसानी से काम करती है. इसकी एक खासियत यह है कि यह मशीन स्वचालित (Latest farming techniques) रूप से फसल की कटाई और कटाई कर सकती है.

इन राज्यों में मिलती है सब्सिडी

आपको बता दें कि राजस्थान के अलावा बिहार, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में रिपर मशीन, गेहूं कटाई मशीन (Latest farming techniques) और अन्य कृषि उपकरणों की खरीद पर 40% से 70% तक सब्सिडी दी जाती है. इसके लिए राज्य सरकार लक्ष्य निर्धारित करती है और आवेदन लिंक खोलती है. जिसमें चयनित किसानों को सब्सिडी का लाभ दिया जाता है. अगर आप योजना से अपडेट रहना चाहते हैं तो चौपाल समाचार के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें. यहां हम आपको नवीनतम योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे.

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