CM पुष्कर सिंह धामी के एक निर्देश पर तुरंत हो गई बुजुर्ग की e-KYC, अब मिलेगा PM Kisan का लाभ

CM पुष्कर सिंह धामी के एक निर्देश पर तुरंत हो गई बुजुर्ग की e-KYC, अब मिलेगा PM Kisan का लाभ

बुजुर्ग महिला धर्मा देवी बताती हैं कि वे विधवा हैं और उनका एक ही बेटा है जो बेरोजगार है. मेहनत मजदूरी करके उनका पालन पोषण करता है. सिर्फ विकलांग पेंशन ही उनका सहारा है. उनके बेटे मुकेश बहुगुणा का कहना है कि मां को छोड़ कर वे कही जा भी नहीं सकते, क्योंकि मां बुजुर्ग है और दिव्यगंग भी है.

पीएम किसान योजना के लिए ई-केवाइसी है जरूरी. (सांकेतिक फोटो)पीएम किसान योजना के लिए ई-केवाइसी है जरूरी. (सांकेतिक फोटो)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 13, 2024,
  • Updated Jun 13, 2024, 3:22 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण करते ही सबसे पहले किसान सम्मान निधि की फाइल पर साइन कर ये जता दिया कि वो किसानों के प्रति सम्मान की सोच रखते हैं. वहीं, अल्मोड़ा के तुलेडी गांव के बुजुर्ग धर्म सिंह दो वर्षो से e-KYC नहीं होने से किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं ले पा रहे थे. ऐसे में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर वायरल खबर का संज्ञान लेते हुए उच्चाधिकारियों को तत्काल निर्देशित करके बुजुर्ग की e-KYC करा दी. अब बुजुर्ग धर्म सिंह को दो वर्ष के लंबे समय के बाद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. 

दरअसल, रेटिना और अंगूठे का स्कैन न होने की वजह से धर्म सिंह की ई-केवाईसी नहीं हो पा रही थी. इसके कारण वे इस योजना से वंचित चल थे. वहीं, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रतूड़ी सेरा गांव में भी धर्मा देवी नाम की बुजुर्ग महिला को पीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिला है. वे 90 प्रतिशत पैर से दिव्याग हैं और किसान सम्मान निधि से वंचित हैं. उनके लिए इस लाभ से वंचित होने का महज एक ही कारण है कि उनके गांव में कोई ग्राहक सेवा केंद्र नहीं है. e-KYC कराने के लिए करीब एक किलोमीटर पगडंडी से पैदल चलकर कुल पांच किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है. जो दिव्यांग होने के कारण उनके लिए संभव नहीं है. ऐसे भी अभी उनकी उम्र 66 साल है.

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e-KYC है बहुत जरूरी

बुजुर्ग महिला धर्मा देवी बताती हैं कि वे विधवा हैं और उनका एक ही बेटा है जो बेरोजगार है. मेहनत मजदूरी करके उनका पालन पोषण करता है. सिर्फ विकलांग पेंशन ही उनका सहारा है. उनके बेटे मुकेश बहुगुणा का कहना है कि मां को छोड़ कर वे कही जा भी नहीं सकते, क्योंकि मां बुजुर्ग है और दिव्यगंग भी है. ऐसे में सेवा करना उनका कर्तव्य है और उसी का पालन कर रहे है. यदि e-KYC हो जाती तो उनकी मां को भी किसान सम्मान निधि मिल जाती.

क्या कहते हैं जिलाधिकारी

वहीं, जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट से उनके ही कार्यालय में जब इस संबंध में आज तक द्वारा बात की गई तो उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल उपजिलाधिकारी बृजेश तिवारी को सम्पूर्ण जिले में बुजुर्गो के e-KYC न होने वाले प्रकरण की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए. हालांकि जिलाधिकारी द्वारा कहा गया कि वे पूरे जिले के प्रकरणों की रिपोर्ट देख कर और सभी बुजुर्गो को नियमानुसार e-KYC करा कर ही कैमरे के सामने कुछ बोलेंगे. (रिपोर्ट- ओंकार बहुगुणा)

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