कृषि मंत्रालय ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के लिए पूरे भारत में सैचुरेशन अभियान शुरू किया है. 31 मई, 2025 तक चलने वाले इस अभियान का मकसद हर पात्र किसान को योजना के लाभ में शामिल करना है, ताकि उन्हें समय पर पीएम किसान स्कीम की किस्त का लाभ मिल सके.
पीएम-किसान योजना के तहत, केंद्र सरकार पात्र किसानों को 2,000 रुपये की तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपये देती है. अगली और 20वीं किस्त जून 2025 में किसानों के बैंक खातों में जमा होने की उम्मीद है. इस भुगतान के लिए पात्र होने के लिए किसानों को कुछ खास औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी.
पीएम किसान की 20वीं किस्त पाने के लिए, किसानों को इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर (eKYC) प्रक्रिया पूरी करनी होगी, अपने आधार को अपने बैंक खातों से जोड़ना होगा और अपने जमी रिकॉर्ड को वेरिफाई करना होगा. इन शर्तों को पूरा न करने पर किस्त का लाभ नहीं मिलेगा.
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आधिकारिक PM-KISAN हैंडल ने लाभार्थियों से इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाने का आग्रह किया है. इसके अलावा, सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि सभी पात्र किसान इन शर्तों के बारे में जान लें, ताकि उन्हें सरकार की वित्तीय सहायता पाने में किसी भी तरह की बाधा न हो.
फरवरी 2019 में शुरू की गई केंद्र सरकार की योजना पीएम-किसान का उद्देश्य पूरे भारत में छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता देना है. इस योजना को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में चलाया जाता है. इस योजना को लागू करने में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर साझेदारी होती है. दोनों सरकारें मिलकर किसानों को वित्तीय मदद का लाभ पहुंचाती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी, 2025 को बिहार के भागलपुर के दौरे के दौरान पीएम-किसान योजना की 19वीं किस्त जारी की. इसके बाद, सरकार जून में 20वीं किस्त जारी करने की योजना बना रही है, हालांकि सटीक तारीख की पुष्टि अभी नहीं हुई है.
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आम तौर पर हर चार महीने में किस्त जारी की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को पूरे साल लगातार सहायता मिलती रहे. इससे किसानों को वित्तीय लाभ मिलने के साथ ही उन्हें अपने खेती-बाड़ी के काम को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है.
सैचुरेशन अभियान के तहत राज्य अधिकारियों से गांव स्तर पर वेरिफिकेशन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए कहा गया है, ताकि योजना की वित्तीय सहायता लाभार्थियों तक तुरंत पहुंचे. सैचुरेशन अभियान का उद्देश्य उन नए पात्र किसानों को भी जोड़ना है जिन्होंने अभी तक योजना में दाखिला नहीं कराया है. पीएम-किसान योजना को बढ़ाकर सरकार यह तय कर रही है कि अधिक से अधिक किसान इस पहल से लाभान्वित हो सकें, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो.