देश में किसान को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार की ओर से कई तरह की स्कीम चलाई जाती है. ये स्कीम किसानों के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए शुरू की जाती हैं. ऐसी ही एक स्कीम है जिसे भारत सरकार ने किसानों के लिए शुरू किया था. ये स्कीम है किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card Scheme). इस स्कीम में किसान को क्रेडिट कार्ड मिलता है. इस योजना के माध्यम से देश भर के लाखों किसानों को लाभ मिल रहा है.
इस योजना को नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने शुरू किया था. इस स्कीम के तहत किसानों को लोन की सुविधा मिलती है, आइए जानते हैं किसान क्रेडिट कार्ड के क्या फायदे हैं और आप कैसे कर सकते हैं आवेदन.
पहले इस स्कीम से केवल खेती करने वाले किसानों को ही लाभ मिलता था. लेकिन अब मछली पालन और पशुपालन करने वाले किसानों को भी इस स्कीम के तहत लाभ दिया जा रहा है. किसान फसल प्रबंधन के अलावा डेयरी के कार्यों और पंप सेट आदि खरीदने के लिए भी लोन ले सकते हैं. इस स्कीम के तहत सरकार ने ये बंदोबस्त किया है कि किसानों पर ब्याज का अधिक दबाव न पड़े. ब्याज के बढ़ जाने की वजह से खेती की लागत बढ़ जाती है. इससे किसान कर्ज के बोझ में फंस जाते हैं. इससे किसानों को छुटकारा दिलाने के लिए बैंकों के रेगुलर लोन के मुकाबले केसीसी बहुत कम ब्याज पर लोन मुहैया कराता है.
केसीसी का लोन दो परसेंट ब्याज से शुरू होता है. ये औसतन 04 फीसदी तक जाता है. ब्याज दर इस बात पर भी निर्भर करती है कि किसान केसीसी का लोन कितने दिनों में चुका देते हैं. यदि किसान कम समय में ही भुगतान करते हैं तो उन्हें तीन लाख रुपये तक का लोन बेहद ही आसानी से 04 फीसदी की दर से मिल सकता है. वहीं, इसमें इंश्योरेंस का लाभ भी किसानों को मिलता है.
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अगर आप केसीसी के लिए ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपनी पसंद के बैंक की शाखा में जाकर या बैंक की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा. आवेदक शाखा में जा सकता है और बैंक एजेंट की मदद से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकता है. एक बार कागजी कार्यवाही पूरी हो जाने के बाद, बैंक का लोन अधिकारी किसान को लोन की राशि देता है.