सिंधु नदी के पानी पर हमारे किसानों का हक, एक-एक बूंद का उपयोग खेती में करेंगे, कृषि मंत्री बोले

सिंधु नदी के पानी पर हमारे किसानों का हक, एक-एक बूंद का उपयोग खेती में करेंगे, कृषि मंत्री बोले

शिवराज सिंह ने कहा कि भारत अद्भुत देश है. एक साथ कई मोर्चों पर काम चल रहा है. कल्याणकारी योजनाओं के लिए भी काम चल रहा है, आज खरीफ सम्मेलन चल रहा है, कल प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5वें पायदान से ऊपर उठकर अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और वहीं दूसरी ओर आतंकवादियों के विनाश का महाभियान भी चालू है. जिन्होंने हमारी बेटियों की मांग से सिंदूर पोछा था, ऐसे आतंकवादियों और उनके सरगनाओं के अड्डों को तबाह कर दिया गया है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • May 08, 2025,
  • Updated May 08, 2025, 5:25 PM IST

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह की अगुवाई में गुरुवार को नई दिल्ली स्थित पूसा कैंपस के भारत रत्न सी. सुब्रह्मण्यम ऑडिटोरियम में कृषि खरीफ अभियान 2025 पर राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन संपन्न हुआ. सम्मेलन में 10 से ज्यादा राज्यों के कृषि मंत्रियों ने पूसा कैंपस पहुंचकर और अन्य कृषि मंत्रियों ने वर्चुअल जुड़े और कृषि की उन्नति की दिशा में केंद्र के साथ मिलकर काम करने पर सहमति जताई. 

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यों से आए कृषि मंत्रियों और अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि भारत की 145 करोड़ जनता के लिए पर्याप्त खाद्यान्न, फल और सब्जियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हमारे कंधों पर है. यह एक असाधारण काम है, जिसे हमें मिलकर पूरा करना होगा. चौहान ने कहा कि भारत केवल भारत के लिए नहीं, सारी दुनिया हमारा परिवार है, हम सबका कल्याण चाहते हैं, हम किसी को छेड़ते नहीं, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि कोई हमें छेड़े तो उसे छोड़ते भी नहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारा संकल्प है कि आतंकवाद का जड़ से खात्मा करके ही चैन की सांस लेंगे.

भारत में कई मोर्चों पर एक साथ काम 

शिवराज सिंह ने कहा कि भारत अद्भुत देश है. एक साथ कई मोर्चों पर काम चल रहा है. कल्याणकारी योजनाओं के लिए भी काम चल रहा है, आज खरीफ सम्मेलन चल रहा है, कल प्रधानमंत्री जी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5वें पायदान से ऊपर उठकर अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और वहीं दूसरी ओर आतंकवादियों के विनाश का महाभियान भी चालू है. जिन्होंने हमारी बेटियों की मांग से सिंदूर पोछा था, ऐसे आतंकवादियों और उनके सरगनाओं के अड्डों को तबाह कर दिया गया है. 

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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमारे कृषि विभाग के सभी साथी कटिबद्ध हैं, हम प्रधानमंत्री जी के पीछे खड़े हैं. हमें गर्व है अपनी सेना पर, सेना के शौर्य पर, हमारे जवानों पर और ऑपरेशन में लगे हुए सारे साथियों पर. “ऑपरेशन सिंदूर” एक संदेश है कि भारत की तरफ किसी को आंख उठाकर देखने नहीं दिया जाएगा. जरुरत पड़ी तो रक्त की अंतिम बूंद तक देश के मान, सम्मान और शान के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे.

सिंधु जल संधि पर कृषि मंत्री की बड़ी बात

उन्होंने कहा कि साल 1960 में जो सिंधु जल संधि हुई थी, वो एक ऐतिहासिक गलती थी. देश और किसानों का दुर्भाग्य रहा कि हमारे देश से बहने वाली नदियों का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया गया, इसलिए पहलगाम आतंकी घटना के बाद सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया गया है. शिवराज सिंह ने कहा कि सिंधु नदी के पानी पर हमारे किसानों का हक है, एक-एक बूंद का उपयोग खेती, बिजली और विकास में करेंगे. शिवराज सिंह ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल-प्रदेश के किसानों के लिए सिंचाई के लिए अधिक पानी मिल सकेगा.

चौहान ने कहा कि आज हमने किसानों की मेहनत से अन्न के भंडार भर दिए हैं. उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. मैं अपने वैज्ञानिकों को बधाई दूंगा. अभी हमने चावल की दो किस्में विकसित की है, जिससे उत्पादन बढ़ेगा, 20 दिन पहले फसल तैयार हो जाएगी, पानी बचेगा, मीथेन गैस का उत्सर्जन कम होगा, जल्द ही ये किस्में किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी. 2014 के बाद 2,900 नई किस्मों का विकास हमारे वैज्ञानिकों ने किया है. 

घर-घर तक पहुंचेंगे कृषि वैज्ञानिक

उन्होंने कहा कि ये खरीफ कॉन्फ्रेंस कोई औपचारिकता नहीं है. आगे रबी कॉन्फ्रेंस दो दिन के लिए होगी. हमारा काम है उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पाद के ठीक दाम देना, आपदा में सहायता करना, फलों और फूलों की खेती को बढ़ावा देना है. चौहान ने कहा कि ये धरती केवल हमारे लिए नहीं है, ये धरती आने वाली पीढ़ियों के लिए भी स्वस्थ रखना है. अत्यधिक उर्वरकों के इस्तेमाल से धरती का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. मैं कृषि मंत्री हूं तो 24 घंटे मुझे यही सोचना चाहिए कि किसानों की बेहतरी कैसे हो. हमें मेहनत के साथ काम करना हमें कृषि के लिए उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करते हुए खेती की उन्नति के लिए काम करना होगा. हमें लैब से लैंड तक टेक्नोलॉजी और रिसर्च को पहुंचाना ही होगा. 

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इस कड़ी में चौहान ने ‘विकसित भारत संकल्प अभियान’ के जरिए वैज्ञानिकों की टीम के गठन और उनके किसानों तक पहुंच बनाने की रूपरेखा भी रखी और बताया कि किस प्रकार से यह टीमें गांव-गांव पहुंचकर किसानों के बीच जागरुकता के लिए काम करेंगी. उन्होंने कहा कि हमारे पास 16 हजार वैज्ञानिक हैं, जिनमें से 4-4 वैज्ञानिकों की टीमें बनाकर जमीनी स्तर पर जागरुकता का अभियान चलाया जाएगा. इन टीमों का उपयोग किसानों की सेवा के लिए होगा. ये साल में दो बार निकलेंगी. रबी फसल के लिए अक्टूबर में अभियान चलेगा. चौहान ने राज्यों के कृषि मंत्रियों से इस अभियान से सक्रिय रूप से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि जब-तक हम सब मिलकर एक दिशा में नहीं चलेंगे, तब तक खेती किसानी के हित में वांछित परिणाम प्राप्त नहीं होंगे.

इन अतिथियों ने की शिरकत

सम्मेलन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री राम नाथ ठाकुर भी शामिल हुए. राज्यों से आए मुख्य सचिवों, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, कृषि आयुक्त, अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, वैज्ञानिकों ने भी शिरकत की. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने सम्मेलन की रूपरेखा रखी और राज्यों के साथ समन्वय और तालमेल के साथ काम करने की बात कही. सचिव (उर्वरक) रजत कुमार मिश्रा ने भी प्रस्तुति दी. आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय कृषि धीरे-धीरे जलवायु अनुकूल होती जा रही है, जो बड़ी उपलब्धि है. कम हेक्टेयर में ज्यादा उपज के लिए भी कार्य प्रतिबद्धता के साथ चल रहा है आईसीएआर के डीडीजी (कृषि प्रसार) डॉ. राजबीर सिंह ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के बारे में विस्तारपूर्वक बताया. डीडीजी (फसल विज्ञान) डॉ. डी. के. यादव ने भी प्रस्तुति दी. मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक राहुल सक्सेना ने मौसम के संबंध में जानकारी दी. संयुक्त सचिव अजित कुमार साहू, पूर्णचंद्र किशन और सैमुअल प्रवीण कुमार ने भी प्रेजेंटेशन दिया. कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव पेरिन देवी ने आभार व्यक्त किया.

 

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