केंद्र सरकार की पीएम भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र के युवाओं के लिए बेहतरीन करियर और जॉब ऑप्शन के रूप में उभरकर सामने आई है. जबकि, मार्केट की तुलना में यहां 50-90 फीसदी सस्ती दवाएं मिलने के चलते ग्रामीण इलाकों में जन औषधि केंद्र शहरों की तुलना में ज्यादा सफल हैं. आयुषमान भारत और पीएम जन औषधि केंद्रों खोलने जैसी योजनाओं से गरीब और कम आय वर्ग के लोगों को इलाज में बड़ी राहत मिल रही है. केंद्र सरकार देशभर में 25 हजार जन औषधि केंद्र और खोलने जा रही है और केंद्र खोलने के लिए युवाओं, आवेदकों को सिडबी के जरिए बिना गारंटी के 4 लाख रुपये तक की लोन सुविधा भी दे रही है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 2014 में केवल 80 जन औषधि केंद्रों की शुरुआत के साथ लोगों को सस्ती दवाएं और केंद्र खोलकर रोजगार की सुविधा दी थी. अब जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 11,000 से अधिक हो गई है. ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में जन औषधि केंद्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हर दिन लगभग 10 से 12 लाख लोग इन जन औषधि केंद्रों से दवाएं और उपकरण खरीदते हैं. मंत्रालय ने 2026 तक देशभर में जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 25,000 से अधिक करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने युवाओं, कारोबारियों, बेरोजगार फार्मासिस्ट से जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आधिकारिक वेबसाइट janaushadhi.gov.in पर आवेदन करने को कहा है.
ये भी पढ़ें- Onion Export: प्याज एक्सपोर्ट पर लगी रोक हटाई गई, लोकसभा चुनाव के बीच मोदी सरकार का बड़ा फैसला
स्वास्थ्य और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया के अनुसार जन औषधि केंद्र संचालकों के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक यानी सिडबी की लोन सहायता योजना जन औषधि केंद्र खोलने के इच्छुक युवाओं के लिए राहत भरी है. मार्च 2024 से शुरू की गई यह लोन योजना पीएम औषधि केंद्र के नेटवर्क को और विस्तारित करने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि सिडबी से लोन जन औषधि केंद्र के छोटे संचालकों को बिना किसी गारंटी के उपलब्ध कराया जाएगा. जबकि, नए लोग भी इसके लिए आवेदन कर सकेंगे. बता दें कि आवेदन करते समय 5 हजार रुपये की नान रिफंडेबल राशि जमा करनी होती है.
ये भी पढ़ें-
जन औषधि केंद्र के लिए आवेदकों को सिडबी 4 लाख रुपये तक का लोन देगा. लोन पाने के लिए आवेदकों को गारंटी नहीं देनी होगी. हालांकि, लोन पर 11 से 12 फीसदी तक ब्याज चुकाना पड़ेगा. इस लोन रकम से आवेदक फर्नीचर, कंप्यूटर, रेफ्रीजेरेटर समेत केंद्र के लिए जरूरी अन्य सामग्री खरीद सकेंगे. लोन प्रक्रिया के लिए मंत्रालय ने वेबसाइट https://jak-prayaasloans.sidbi.in/home भी शुरू की है, यहां आवेदक सभी डिटेल्स की जानकारी हासिल कर सकते हैं.
पीएम जन औषधि केंद्र खोलने के लिए कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है. इसके लिए केवल 5,000 रुपये जमा करके आवेदन किया जा सकता है. केंद्र खोलने के लिए एसी-एसटी वर्ग के और दिव्यांग आवेदकों को 50,000 रुपये तक की दवा एडवांस में दी जाती है. ऑफिशयल वेबसाइट www.janaushadi.gov.in पर आवेदन करने के लिए डी फॉर्मा या बी फॉर्मा सर्टिफिकेट जमा करना होता है. आवेदन सफल होने पर रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस मिल जाता है, जिसके बाद उसे योजना के डिस्ट्रीब्यूटर्स से दवाएं मिलती हैं, जो केंद्र पर लाकर बिक्री शुरू की जाती है. आवेदक को केंद्र खोलने के लिए 120 वर्गफुट एरिया की जगह या दुकान की व्यवस्था करनी होती है.
ये भी पढ़ें- PHOTOS: पंजाब में धान की इस वैरायटी पर शुरू हुई रेड, खेती करते पकड़े गए तो खैर नहीं
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के बाद दवाओं की बिक्री पर 20 फीसदी तक का कमीशन मिलता है. साथ ही हर महीने दवाओं की बिक्री पर 15 फीसदी या अधिकतम 15,000 रुपये प्रति माह तक इंसेटिव मिलता है. इसके अलावा जन औषधि केंद्र खोलने के लिए विशेष स्थिति में होने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च के लिए सरकार की ओर से दो लाख रुपये तक की रकम प्रोत्साहन राशि के रूप में भी आवेदक को मिलती है. इस तरह जन औषधि केंद्र से औसतन 50-60 हजार रुपये आसानी से कमाए जा सकते हैं. जबकि, केंद्र से दवाओं की बिक्री के आधार पर कमाई और अधिक भी हो सकती है.