प्याज की महंगाई रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम, अब 67 रुपये/किलो से कम रेट पर नहीं होगा निर्यात

प्याज की महंगाई रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम, अब 67 रुपये/किलो से कम रेट पर नहीं होगा निर्यात

प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने और किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए बफर स्टॉक से प्याज की लगातार खरीद और बाजारों में बिक्री की गई है ताकि सप्लाई और डिमांड में कोई भारी अंतर न रहे. इसी कड़ी में सरकार ने प्याज के निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) नोटिफाई किया.

प्याज के निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन का MEP नोटिफाईप्याज के निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन का MEP नोटिफाई
आशुतोष मिश्रा
  • New Delhi,
  • Oct 28, 2023,
  • Updated Oct 28, 2023, 7:53 PM IST

बाजार में प्याज की कीमतें बढ़ने के कारण सरकार ने घरेलू सप्लाई बनाए रखने के लिए प्याज के निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) नोटिफाई किया है. इसका अर्थ हुआ कि कोई भी व्यापारी इस रेट से कम पर प्याज का निर्यात नहीं कर सकता. सरकार के इस कदम से प्याज का निर्यात कम होगा और देश में इसकी सप्लाई सुचारू होगी जिससे महंगाई काबू करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा सरकार बफर स्टॉक के लिए अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज खरीदेगी, जो पहले से खरीदे गए 5 लाख टन से अधिक होगा.

कीमतों को नियंत्रित करने और किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए बफर स्टॉक से प्याज की लगातार खरीद और बाजारों में बिक्री की गई है ताकि सप्लाई और डिमांड में कोई भारी अंतर न रहे. इसी कड़ी में सरकार ने आज 29 अक्टूबर, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन, एफओबी आधार पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) नोटिफाई कर दिया.

क्या है सरकार का फैसला?

सरकार का कहना है कि घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर प्याज की पर्याप्त सप्लाई बनाए रखने के लिए यह उपाय किया गया है क्योंकि प्याज के निर्यात की मात्रा पर अंकुश लगाने से स्टॉक किए गए रबी 2023 प्याज की मात्रा में कमी आ रही है. आज सरकार ने प्याज के निर्यात का एमईपी 800 अमेरिकी डॉलर प्रति मीट्रिक टन किया है इसका मतलब हुआ कि यह एमईपी लगभग 67 रुपये/किग्रा होता है. यानी 67 रुपये प्रति किलो से कम के रेट पर कोई व्यापारी प्याज का निर्यात नहीं कर सकेगा. प्याज निर्यात पर एमईपी लगाने के फैसले के साथ, सरकार ने बफर के लिए अतिरिक्त 2 लाख टन प्याज की खरीद की भी घोषणा की है, जो पहले से खरीदे गए 5 लाख टन से अधिक है.

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बफर स्टॉक से बिक्री

सरकार के बफर स्टॉक से अगस्त के दूसरे सप्ताह से लगातार देश भर के प्रमुख सेंटरों पर प्याज भेजा गया है ताकि आम लोगों को सरकारी रेट पर प्याज मिल सके. इसमें एनसीसीएफ और नेफेड द्वारा संचालित मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा खरीदारों को 25 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से सप्लाई भी की गई है. अब तक बफर स्टॉक से लगभग 1.70 लाख मीट्रिक टन प्याज खुले बाजार में लोगों को बेचा जा चुका है.

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प्याज किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाते हुए आम खरीदारों को देखते हुए कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बफर से प्याज की लगातार खरीद और सरकारी एजेंसियों के माध्यम से बाजार में बिक्री की जाती है. सरकार का कहना है कि प्रति मीट्रिक टन 800 अमेरिकी डॉलर का एमईपी लगाने का निर्णय घरेलू उपभोक्ताओं के लिए प्याज को किफायती बनाए रखने के सरकार के इरादे को दर्शाता है.

 

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