केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किसानों के लिए तीन नई सेवाओं की शुरुआत की है. जिसमें किसान ऋण पोर्टल (PM Kisan Rin Portal), मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम (WINDS) मैनुअल और केसीसी घर-घर अभियान शामिल है. ज्यादा से ज्यादा किसानों तक किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा पहुंचाने का यह अभियान 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर 2023 तक चलेगा. तीन महीने तक चलने वाले इस अभियान के तहत पीएम किसान योजना के लाभार्थियों के केसीसी बनाए जाएंगे. कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि घर-घर केसीसी अभियान की सफलता के लिए बैंक पूरा सहयोग देंगे. केसीसी के लिए पर्याप्त धन आवंटित किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक किसानों को 29,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रीमियम राशि के मुकाबले 1,40,000 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा राशि वितरित की जा चुकी है.
सीतारमण ने चावल और गेहूं की फसल के उत्पादन के वास्तविक समय के अनुमान की भी सराहना की. इस अनुमान को दलहन और तिलहन फसलों तक बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि जरूरत पड़ने पर उनके आयात के लिए बेहतर योजना बनाई जा सके. वित्त मंत्री ने कहा कि फसलों के वास्तविक समय आकलन से अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी और फसल सीजन के अंत में किसानों के लिए सही कीमतें सुनिश्चित होंगी. उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों के पूर्ण स्वचालन का भी आह्वान किया और वित्तीय सेवा विभाग को इन बैंकों के लिए ऋण मंजूरी और ऋण वितरण के बीच अंतर का अध्ययन करने का निर्देश दिया.
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कृषि मंत्री ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत लगभग 9 करोड़ लाभार्थी हैं और केसीसी घर-घर अभियान का उद्देश्य लगभग 1.5 करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ना है. जो अभी तक केसीसी योजना से नहीं जुड़े हैं. तोमर ने कोरोना महामारी के दौरान भी किसानों को लगभग 2 करोड़ केसीसी प्रदान करने के लिए वित्त मंत्रालय और बैंकों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि यह कृषि और ग्रामीण क्षेत्र ही था जिसने कोरोना महामारी के दौरान भी अर्थव्यवस्था को संभाले रखा. इस मौके पर फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान ने कहा कि तकनीकी हस्तक्षेपों के कारण इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रिकॉर्ड नामांकन हुआ है.
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय का बजट वर्ष 2013-14 में 23,000 करोड़ रुपये था जो अब बढ़कर 2023-24 में 1,25,000 करोड़ रुपये का हो गया है. वेदर इंफार्मेशन नेटवर्क और डाटा सिस्टम (WINDS) मैनुअल के बारे में बात करते हुए तोमर ने कहा कि इसका उद्देश्य वास्तविक समय की मौसम की जानकारी सुनिश्चित करना है ताकि किसान सही समय पर अपनी फसलों के लिए सावधानी बरत सकें. तोमर ने कहा कि कृषि के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग और पारदर्शिता महत्वपूर्ण है. इस सरकार ने इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए हैं.
कृषि मंत्रालय ने बताया कि मौजूदा केसीसी खाताधारकों के डेटा को पीएम किसान डेटाबेस के साथ सत्यापित किया है. उन खाताधारकों की पहचान की है जो पीएम किसान डेटाबेस से मेल खाते हैं और जो पीएम किसान लाभार्थी होने के बावजूद केसीसी खाते नहीं रखते हैं. यह अभियान गैर केसीसी खाताधारक पीएम किसान लाभार्थियों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. सरकार की मंशा है कि हर पात्र किसान को केसीसी का फायदा मिले. ताकि साहूकारों से खेती के लिए लोन न लेना पड़े. इसलिए सरकार ने पहले से ही एक डेटाबेस तैयार कर लिया है.
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