किसानों के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, खांडसारी यूनिटों को भी देना होगा FRP

किसानों के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, खांडसारी यूनिटों को भी देना होगा FRP

सरकार के नए ऑर्डर के तहत खांडसारी यूनिटों को भी कवर कर दिया गया गया है. ऐसे में अब इन यूनिटों को भी गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों को एफआरपी मिलेगा. केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए गन्ने की एफआरपी 355 रुपये क्विंटल तय किया है.

गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसलागन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला
ओम प्रकाश
  • New Delhi,
  • May 01, 2025,
  • Updated May 01, 2025, 3:14 PM IST

गन्ने के दाम में बढ़ोत्तरी करने के बाद केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक और बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने शुगर कंट्रोल ऑर्डर में बदलाव कर दिया है ताकि सभी किसानों को सही दाम मिल सके. नए शुगर कंट्रोल ऑर्डर-2025 के तहत खांडसारी को भी शामिल किया गया है, जिससे खांडसारी बनाने वाली यूनिटों को भी किसानों को एफआरपी यानी उचित और लाभकारी मूल्य देना होगा. अब बहुत सारे लोगों ने सामान्य चीनी का उपभोग बंद करके देसी खांड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिससे खांडसारी बनाने वाली यूनिटों का विस्तार हो रहा है, लेकिन अभी तक ऐसी यूनिटें चीनी मिलों की तरह शुगर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल नहीं थीं, जिसकी वजह से इसके मालिक किसानों को एफआरपी नहीं देते थे.

गन्ने की FRP 355 रुपये

अब नए ऑर्डर के तहत खांडसारी यूनिटों को भी कवर कर दिया गया गया है. ऐसे में अब इन यूनिटों को भी गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों को एफआरपी मिलेगा. केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए गन्ने की एफआरपी 355 रुपये क्विंटल तय किया है. खांडसारी अनप्रोसेस्ड चीनी होती है जो गन्ने के रस से बनाई जाती है. इसे देसी खांड कहते हैं. सफेद चीनी से होने वाले नुकसान की वजह से लोगों ने इसका सेवन बढ़ा दिया है, जिसकी वजह से चीनी मिलों को जाने वाला गन्ना बड़े पैमाने पर खांडसारी यूनिटों में डायवर्ट हो गया है.

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कितनी हैं बड़ी यूनिटें

इस समय रोजाना 500 टन तक गन्ने की पेराई करने वाली 66 खांडसारी यूनिटों का पता चला है. इन पर शुगर कंट्रोल ऑर्डर लागू होने के बाद अब इन्हें क्वालिटी के भी सख्त नियमों का पालन करना होगा. इनमें से ज्यादातर यूनिटें पश्चिम उत्तर प्रदेश में हैं. देश की सभी खांडसारी यूनिटों में कितने गन्ने की आपूर्ति हो रही है, इसका भी केंद्र सरकार डाटा जुटा रही है. कुल मिलाकर केंद्र सरकार ने किसानों को गन्ने का अच्छा दाम मिलना सुनिश्चित करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है. एक दिन पहले बुधवार को ही सरकार ने एफआरपी में 15 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया था.

शुगर प्राइस कंट्रोल ऑर्डर का क्या हुआ?

केंद्र सरकार ने शुगर कंट्रोल ऑर्डर, 1966 की व्यापक समीक्षा करने के बाद इसमें बदलाव किया. अभी तक शुगर प्राइस कंट्रोल ऑर्डर, 2018 में चीनी के दाम से संबंधित विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख किया गया है, लेकिन अब इसे भी शुगर कंट्रोल ऑर्डर-2025 में शामिल कर लिया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब अलग से कोई शुगर प्राइस कंट्रोल ऑर्डर नहीं होगा. 

सही स्टॉक का पता चलेगा

खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि देशभर में चीनी के कुल स्टॉक में अब कच्ची चीनी यानी देसी खांड को भी शामिल किया जाएगा. इसलिए, शुगर के वास्तविक स्टॉक के आंकड़े उपलब्ध होंगे. वर्तमान में कच्ची चीनी खांडसारी या ऑर्गेनिक नाम से बेची जा रही है. इसलिए, इस परिवर्तन से इस उत्पाद के भ्रामक नामों पर रोक लगेगी. इसीलिए रोजाना 500 टन से अधिक पेराई क्षमता वाली खांडसारी यूनिटों को नए ऑर्डर में कवर कर लिया गया है. नए ऑर्डर से चीनी उत्पादन का सटीक अनुमान लगाने में मदद मिलेगी. देश में कुल 373 खांडसारी यूनिटें हैं, जिनकी पेराई क्षमता  रोजाना लगभग 95000 टन की है.

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