उत्तर बिहार के लिए खुशखबरी, कोसी–मेची लिंक परियोजना से बाढ़ पर लगेगा ब्रेक

उत्तर बिहार के लिए खुशखबरी, कोसी–मेची लिंक परियोजना से बाढ़ पर लगेगा ब्रेक

कोसी–मेची लिंक परियोजना उत्तर बिहार के लिए बाढ़ से राहत और सिंचाई का बड़ा कदम है. सुपौल में शुरू हुई इस परियोजना से कोसी नदी का अतिरिक्त पानी मेची नदी में जाएगा. इससे लाखों परिवारों को बाढ़ से राहत मिलेगी और 2.14 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. किसानों की फसल और आय दोनों ज़िंदा हैं.

अब नहीं डूबेंगे खेत और घरअब नहीं डूबेंगे खेत और घर
क‍िसान तक
  • Supaul,
  • Dec 24, 2025,
  • Updated Dec 24, 2025, 1:27 PM IST

उत्तर बिहार में हर साल बाढ़ से बहुत नुकसान होता है. इसे रोकने और किसानों को पानी देने के लिए कोसी-मेची लिंक परियोजना शुरू की गई है. इस काम की शुरुआत सुपौल जिले में बहुत तेज़ी से हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर को पूर्णिया से इस परियोजना का शिलान्यास किया था. इस योजना से उत्तर बिहार के लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है.

बाढ़ की समस्या क्यों होती है

नेपाल के पहाड़ों से कोसी नदी और कई छोटी-बड़ी नदियां बहकर आती हैं. बारिश के समय इनमें बहुत ज्यादा पानी आ जाता है. यही पानी हर साल उत्तर बिहार में बाढ़ लाता है. बाढ़ से घर, खेत और सड़कें खराब हो जाती हैं. किसान बहुत परेशान हो जाते हैं.

क्या है कोसी-मेची लिंक परियोजना

कोसी-मेची लिंक परियोजना का मतलब है कोसी नदी के ज्यादा पानी को मेची नदी में भेजना. इससे कोसी नदी में पानी कम होगा और बाढ़ का खतरा घटेगा. साथ ही यह पानी खेतों तक पहुंचेगा, जिससे फसलों को सिंचाई मिलेगी.

कितना खर्च और कौन कर रहा है काम

इस परियोजना का पहला चरण करीब 6282 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. जिलाधिकारी सावन कुमार ने बताया कि अभी पहला चरण शुरू हो गया है और आगे सर्वे का काम भी चल रहा है.

नहर कैसे बनाई जा रही है

पहले चरण में सुपौल के नेपाल सीमा के पास कटैया भेंगा धार की सफाई और खुदाई हो रही है. यहां 70 मीटर चौड़ी नहर बनाई जा रही है. सैकड़ों ट्रैक्टर और मशीनें काम कर रही हैं. दूसरे चरण में पूर्वी कोसी मुख्य नहर को और चौड़ा और मजबूत किया जाएगा.

कितने जिलों को मिलेगा फायदा

इस परियोजना से सुपौल, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा और मधेपुरा जैसे कई जिलों को लाभ मिलेगा. स्थानीय लोग मानते हैं कि यह योजना उनके लिए वरदान साबित होगी.

किसानों और परिवारों को क्या लाभ होगा

इस योजना से बाढ़ से होने वाला नुकसान कम होगा. लाखों परिवारों को हर साल बाढ़ की परेशानी से राहत मिलेगी. साथ ही करीब 2.14 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई का पानी मिलेगा. इससे किसान साल भर खेती कर सकेंगे और उनकी आमदनी बढ़ेगी.

उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम

कोसी-मेची लिंक परियोजना पूरी होने के बाद उत्तर बिहार में बाढ़ की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी. खेतों में पानी पहुंचेगा, फसल अच्छी होगी और लोगों का जीवन आसान बनेगा. यह परियोजना उत्तर बिहार के बच्चों, किसानों और परिवारों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य लेकर आएगी. (रामचंद्र मेहता का इनपुट)

ये भी पढ़ें:  

FTA Agreement: न्‍यूजीलैंड के साथ डील डन! एक शर्त को ठुकराने के बाद भी हो ही गया समझौता   
ऊसर और खारे जमीन में गेहूं की बंपर पैदावार के लिए अपनाएं ये तकनीक, ICAR ने बताईं खास किस्में

MORE NEWS

Read more!