शहरों में अच्छा और पौष्टिक खाना महंगे होटल और रेस्तरां में ही मिलता है. इस खाने की कीमत अधिक होने के कारण यह श्रमिकों की पहुंच से दूर ही होता है. इस कारण से काम की तलाश में शहरों का रुख कर रहे श्रमिकों के लिए उनके कार्यस्थल के आसपास ही अच्छा खाना मुहैया कराने के लिए Chhattisgarh Govt ने एक कारगर योजना शुरू की है. इसमें कामगार मजदूरों के लिये मॉडल श्रम अन्न केंद्र बनाने की पहल की गई है. इस योजना के शुरुआती चरण में Mega Development Projects से जुड़े राज्य के तीन शहरों में इन केंद्रों को शुरू किया जा रहा है. इनमें रायपुर, कोरबा और कुनकुरी में मॉडल श्रम अन्न केंद्रों के फीडबैक के आधार पर राज्य के अन्य शहरों में इनका विस्तार किया जाएगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिकों को पंजीकरण कराना होगा.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने राज्य के श्रमिकों की एक और सहूलियत में इजाफा किया है. शहरों में कामकाजी श्रमिकों को अच्छा खाना मिलने में होने वाली दिक्कत को महसूस करते हुए सरकार ने उन्हें उनके कार्य स्थल के आसपास ही किफायती दर पर अच्छी गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध कराने के लिए मॉडल श्रम अन्न केन्द्र का विस्तार करने का फैसला किया है.
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श्रम मंत्री देवांगन ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिकों को Advance Registration कराना होगा. इसमें श्रम विभाग में असंगठित एवं निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा. इन सभी का पंजीयन श्रम विभाग में होना अनिवार्य है.
उन्होंने Labour Department को निर्देश दिया कि ऐसे श्रमिक, जिनके दस्तावेजों में कमी या त्रुटि पाई जाती है, उन्हें दूर कराकर पंजीयन प्रक्रिया पूरी कराते हुए योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने खैरागढ़ जिले के निर्माण मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीयन, योजना आवेदनों में स्वघोषणा प्रमाण पत्र को अमान्य कर, जिले द्वारा निरस्त किये गये आवेदनों को पुनः जांच करने के निर्देश दिये.
विभाग की ओर से बताया गया कि प्रदेश में कुल 6,386 कारखाने हैं. इनमें 922 जोखिम श्रेणी के कारखाने के रूप में चिन्हित किए गए हैं. निर्माण श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर प्रदेश में Free Coaching Scheme संचालित की जा रही है. इसमें अब तक कुल 1534 आवेदन प्राप्त हुए हैं.
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भवन एवं अन्य प्रकार के निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के कल्याण मंडल के अंतर्गत इस साल 2 लाख 47 हजार 742 श्रमिकों के पंजीकरण में आ रही परेशानी के आवेदन विभाग को मिले. इनमें से 25,700 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है. श्रम मंत्री ने मजदूरों के कल्याण से जुड़ी महतारी जतन योजना और नोनी-बाबू छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी पात्र श्रमिक परिवारों के बच्चों को इसका लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए.
इसके अलावा श्रम मंत्री देवांगन ने निर्माण कार्यों में लगे श्रमिकों के बच्चों को Private Schools में निःशुल्क शिक्षा देने हेतु स्कूलों एवं बच्चों के चयन की प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए. उन्होंने अत्यधिक जोखिम श्रेणी वाले कारखानों का हर साल दो से तीन बार निरीक्षण किये जाने, निरीक्षण के दौरान स्वीकृत नक्शे के अनुरूप कारखाना निर्मित नहीं होने एवं कारखानों में दिए जा रहे प्रशिक्षण की जांच करने के निर्देश दिये.