नीलगायों से फसल बचाव के लिए शुरू हुई है ये खास स्कीम, किसानों के लिए पैसे जारी करती है सरकार

नीलगायों से फसल बचाव के लिए शुरू हुई है ये खास स्कीम, किसानों के लिए पैसे जारी करती है सरकार

योजना के तहत खेतों में तारबंदी करने के लिए किसानों को अनुदान दिया जाता है. ताकि किसानों के उपर अधिक आर्थिक बोझ नहीं पड़े.योजना के तहत किसानों को 400 मीटर तक की तारबंदी कराने के लिए 60 प्रतिशत या अधिकतम 48000 की राशि दी जाती है. छोटे और सीमांत किसानों को यह लाभ दिया जाता है.

क‍िसान तक
  • Noida,
  • Feb 29, 2024,
  • Updated Feb 29, 2024, 1:02 PM IST

किसान मेहनत से खेती करते हैं पर कई बार जंगली जानवर उनकी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके कारण किसान अपनी उपज को घर नहीं ला पाते हैं और उन्हें नुकसान होता है. खेतों में नीलगाय से भी काफी नुकसान पहुंचता है. क्योंक यह खेतों में घुसते हैं और फसलों को खाने के अलावा फसलों को रौंदकर नुकसान पहुंचाते हैं. किसानों को इस नुकसान से राहत पहुंचाने के लिए राजस्थान सरकार की तरफ से नई योजना शुरू की गई है. योजना के तहत किसानों के खेतों में तारबंदी की जाती है. नीलगायों और जंगली जानवरों के किसानों की फसलों का बचाव करना ही इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है. 

योजना के तहत खेतों में तारबंदी करने के लिए किसानों को अनुदान दिया जाता है. ताकि किसानों के उपर अधिक आर्थिक बोझ नहीं पड़े.योजना के तहत किसानों को 400 मीटर तक की तारबंदी कराने के लिए 60 प्रतिशत या अधिकतम 48000 की राशि दी जाती है. छोटे और सीमांत किसानों को यह लाभ दिया जाता है.इसके अलावा सामान्य किसानों को 50 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपए की राशि जो भी कम हो किसानों को अनुदान के तौर पर दी जाती है. इसके अलावा जो किसान सामूहिक तौर पर खेती करते हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलता है.जो किसान 10 से अधिक समूह में कम से कम पांच हेक्टेयर जमीन में खेती करते हैं, उन किसानों के लिए योजना के तहत तारबंदी किए जाने की लागत पर 70 प्रतिशत या अधिकतम राशि 56000 रुपए जो भी कम हो प्रति किसान के लिए 400  रनिंग मीटर तक दिया जाता है.

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इन किसानों को मिलेगा लाभ

तारबंदी की इस योजना का लाभ राज्य के सभी किसानों को दिया जाएगा. हालांकि अनुदान की राशि अलग अलग हो सकती है. इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्तिगत या किसानों के समूह के पास न्यूनतम एक ही जगह पर एक हेक्टेयर जमीन होना आवश्यक है. वहीं अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में जोत का आकार कम होने के कारण कम से कम 0.5 हेक्टेयेर जमीन एक ही स्थान पर होना जरूरी है. जो किसान सामुहिका तौर पर आवेदन दे रहे हैं इसके लिए 10 से अधिक किसानों के समूह के पास कम से कम पांच हेक्टेयर जमीन होना चाहिए और उनकी सीमाए एक तय पेरफेरी में होना आवश्यक है. 

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इस तरह करें आवेदन

इस योजना का लाभ लेने के लिए जो किसान आवेदन करना चाहते हैं वो किसान कृषक राज किसान साथी पोर्टल जाकर आधार के माध्यम से खुद से नजकीदी ई मित्र केंद्र  पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके बाद आवोदक को ऑनलाइन जमा किए जाने वाले आवेदन की रसीद भी ऑनलाइन ही मिल जाएंगी. आवेदन पत्र के साथ आवेदक को आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल और बैंक खाते से संबंधित जानकारी जमा करनी पड़ती है. आवेदन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें की जमाबंदी छह महीने से अधिक पुरानी नहीं हो. आवेदन करने के बाद कृषि विभाग की तरफ से प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी. 

 

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